नई दिल्लीः गुजरात सरकार के एक फैसले पर विवाद खड़ा हो गया है. गुजरात सरकार ने राज्य में नवरात्रि के दौरान स्कूलों की 9 दिनों की छुट्टी करने का एलान किया है. राज्य सरकार का मानना है कि गुजरात में नवरात्रि के दौरान रात में गरबा खेलने के लिए बच्चों को पूरी तह छूट मिलनी चाहिए. बच्चों को अगले दिन स्कूल जाने की चिंता न हो और वो गरबा का पूरी तरह आनंद ले सकें इसके लिए स्कूलों में छुटटियों की घोषणा की गई है. बताया जा रहा है कि इसके एवज में राज्य में दीवाली की छुट्टियां कम की जाएंगी.


हालांकि इस फैसले का मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के गृहनगर राजकोट में ही विरोध शुरू हो गया है. स्कूल-कॉलेजों में मिनी अवकाश देने के फैसले का खुद स्कूलों ने विरोध करना शुरू कर दिया है और उनका कहना है कि इससे स्कूलों में पाठ्यक्रम पूरा करने में कठिनाई होगी.


राजकोट के लगभग 400 निजी स्कूल प्रशासकों ने फैसला लिया है कि वो मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के सामने अपना विरोध प्रस्तुत करेंगे. राजकोट के सेल्फ फाइनेंस स्कूल एसोसिएशन समेत कई स्कूल और स्थानीय लोग भी इस मिनी अवकाश का विरोध कर रहे हैं.


यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने स्कूलों में नवरात्रि के दौरान छुट्टी की घोषणा से दो दिन पहले कहा था, उन्हें इस मामले के बारे में पता नहीं था. मुख्यमंत्री के सामने राज्य और कैबिनेट रैंक मंत्री विभाविरबेन देव और शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह ने नवरात्रि के दौरान मिनी अवकाश की आधिकारिक घोषणा की घोषणा की थी.


राजकोट के सेल्फ फाइनेंस स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पटेल ने कहा, 'हम मिनी अवकाश का विरोध करने के लिए मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के सामने जाएंगे' और यदि स्कूलों में नवरात्रि की छुट्टी रद्द नहीं की जाएगी, तो राजकोट जिले के 400 से ज्यादा निजी स्कूल नवरात्रि के दौरान अपनी शिक्षा जारी रखेंगे.