Gulberg Society: गुजरात के गोधरा कांड के बाद हुए दंगों में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी से मातम की जो आवाज उठी, उसका शोर दुनिया भर में सुनाई दिया. इस सोसायटी के 69 लोग उन दंगों में मारे गए थे. तब से ही ये सोसायटी खंडहर सी बन गई. बस एक परिवार ही यहां रह गया. आज ये सोसायटी फिर सुर्खियों में है. कभी मातम के शोर के लिए सुर्खियों में छाने वाली गुलबर्ग सोसायटी आज शादी के जश्न को लेकर सुर्खियों में है. 22 साल बाद इस सोसायटी में रहने वाला परिवार शादी का जश्न मना रहा है. 


खंडहर सी बन चुकी सोसायटी में मंसूरी परिवार वो परिवार है, जो रुका रहा. अब इस परिवार की 18 साल की बेटी मिसबाह का निकाह हो रहा है. निकाह के लिए हल्दी की रस्म हुई और 22 साल बाद इस सोसायटी में जश्न का माहौल दिखाई दिया. इस कार्यक्रम में सोसायटी के वो लोग भी पहुंचे जो 2002 के दंगों के बाद इधर-उधर बस गए थे.  


दंगों के बाद पहली बार जश्न


रफीक मंसूरी दंगों के वक्त 30 साल के थे. डेक्कन हैराल्ड की रिपोर्ट में वो बताते हैं कि उनकी बेटी बुधवार को शादी कर रही है. उसकी शादी मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के एक परिवार में हुई है. मंगलवार को घर में हल्दी की रस्म हुई थी, जिसमें कई लोगों को बुलाया गया और हिंदू समाज के भी कई लोग वहां हल्दी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे. उन्होंने बताया कि दंगों के बाद पहली बार सोसायटी में ऐसा को जश्न मनाया गया और सभी ने इसका आनंद लिया.


गोधरा कांड के बाद हुए दंगों में मंसूरी के पिता ने अपने 19 परिजनों को खो दिया था. इनमें 6 तो बच्चे थे. रफीक की पत्नी और बच्चे की भी दंगों में मौत हो गई थी. इसके बाद उसका मध्य प्रदेश की रहने वाली तस्लीम से निकाह हुआ. उनका घर गुलबर्ग सोसायटी में दाखिल होते ही दिखाई दे जाता है. इसी घर में सोसायटी के लोग साल में एक बार इकट्ठा होते हैं और दंगों के उस भयानक मंजर को याद करते हैं.


गोधरा कांड के बाद जला गुजरात 


साल 2002 में अयोध्या से 59 कारसेवक साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन से वापस लौट रहे थे. गोधरा रेलवे स्टेशन पर उस कोच में आग लगा दी गई, जिसमें कारसेवक मौजूद थे. इस घटना के अगले ही दिन गुजरात के कई इलाकों में भयंकर दंगे भड़क गए थे. इन्हीं दंगों की चपेट में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी भी आई और यहां के 69 लोग मारे गए. इन लोगों में कांग्रेस पार्टी के पूर्व सांसद एहसान जाफरी भी शामिल थे, जिन्हें भीड़ ने जिंदा जला दिया था. इस घटना के लिए साल 2016 में 11 लोगों को हत्या के आरोप में सजा सुनाई गई थी.   


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