नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने अवैध आर्म्स के सप्लायर और गन हाउस के बीच चल रहे नापाक सांठगांठ का पर्दाफाश किया है. जिसमें फर्जी लाइसेंस की बदौलत ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के हथियारों को बेच जा रहा था. फिर उन हथियारों की सप्लाई गैंगस्टर व आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को की जा रही थी.


फिलहाल दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में अवैध हथियारों की सप्लाई करने वाले एक युवक के साथ करनाल में गन हाउस चलाने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार हथियार सप्लायर केंद्रीय मंत्रालय में जूनियर टेक्निकल ऑफिसर है. पुलिस को इस मामले में कई अन्य लोगों की तलाश है, जिनमें कुछ बदमाश है या कहें तो हिस्ट्रीशीटर है और कुछ गन हाउस मालिक हैं, जो अपराधियों को फर्जी लाइसेंस के आधार पर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के अत्याधुनिक हथियार बेच रहे थे.


क्या है मामला


क्राइम ब्रांच के डीसीपी भीम सिंह ने बताया की क्राइम ब्रांच के साइबर सेल को सूचना मिली कि एक व्यक्ति अवैध हथियार के साथ इंडिया गेट पर आने वाला है. पुलिस ने जाल बिछाकर इंडिया गेट से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया और उसके पास से कोलकाता ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनी एक 32 बोर पिस्टल और 5 कारतूस बरामद किए गए.


आरोपी की पहचान बागपत निवासी इंसार के रूप में की गई. उसने खुलासा किया वह केंद्रीय श्रम औऱ रोजगार मंत्रालय में जूनियर स्टैटिकल अफसर के रूप में काम करता है. इसके साथ ही वह यूपी से हथियार लाकर दिल्ली में सप्लाई भी करता था. उसने पुलिस को बताया कि बरामद हथियार वह बागपत के एक हिस्ट्रीशीटर दीपक उर्फ फुर्तीला से लेकर आया है.


उसने आगे बताया कि फर्जी लाइसेंस की बदौलत ये हथियार गन हाउस से खरीदे जाते हैं. पुलिस ने उसकी निशानदेही पर बागपत के बदमाश दीपक उर्फ फुर्तीला के घर छापा मारा, जहां से 14 जिंदा कारतूस और एक मैगजीन बरामद की गई. दीपक 15 मामलो में लिप्त है.


करनाल के गन हाउस में भी की गई रेड


पुलिस ने इंसार खान की निशानदेही पर करनाल में गन हाउस में छापेमारी की और उसके मालिक पारस चोपड़ा को गिरफ्तार किया. पारस ने पुलिस को बताया कि वह आर्डिनेंस फैक्टरी में बने हथियार फर्जी लाइसेंस के आधार पर बदमाशों को बेचने का काम करता है. इंसार खान बागपत के हिस्ट्रीशीटर से हथियार लेकर दिल्ली के बदमाशों को सप्लाई किया करता था.


बदमाश करनाल में पारस से फर्जी लाइसेंस के आधार पर हथियार लिया करते थे. पुलिस का कहना है कि अभी जांच की जा रही है ताकि फर्जी लाइसेंस के आधार पर बेचे जा रहे हथियारों के इस धंधे में लिप्त अन्य बदमाशों को गिरफ्तार किया जा सके.


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