जम्मू: जम्मू कश्मीर में जल्द चुनाव की सुगबुगाहट के बीच गुपकार गठबंधन के सभी घटक दल अब लगातार जम्मू का रुख कर रहे हैं. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बाद अब इस घटक दल में शामिल सीपीआई (एम) के नेताओ ने भी अब जम्मू में डेरा डाल दिया है. जम्मू कश्मीर में परिसीमन के बाद जल्द चुनाव की अटकलों के बीच आर्टिकल- 370 को खत्म करने और प्रदेश को वापस राज्य का दर्जा दिलाने के मकसद से गठित कश्मीर केंद्रित राजनीतिक दलों के नेता राजनैतिक तौर पर जम्मू की ओर ध्यान देना शुरु करा दिया है.
इसी कड़ी की शुरुआत में सबसे पहले गुपकार गठबंधन के मुखिया डॉ फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने की जम्मू कश्मीर की यात्रा की. उनके जम्मू दौरे के बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में अपने 10 दिन का जम्मू द्वारा संपन्न किया. नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी की नेताओं के जम्मू दौरे के बाद अब गुपकर गठबंधन में शामिल सीपीआईएम के नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने जम्मू का दौरा किया है.
आशा वर्करों के धरने में शामिल हुए तारीगामी
जम्मू पहुंचते ही तरीगामी ने आशा वर्कर की ओर से दिए जा रहे धरने में शामिल हुए और इसी बहाने अपनी सियासी रोटियां भी सेकने की कोशिश की. मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने कहा के वह कश्मीर के बाद जम्मू आए हैं क्योंकि जम्मू उनका घर है और यहां आने के लिए उन्हें किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है.
भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी झूठ की राजनीति कर रही है और आम लोगों की सुध नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में आर्टिकल 370 हटने के बाद न केवल व्यापारियों का बुरा हाल है बल्कि सरकारी कर्मचारी और आम जनता भी महंगाई और बेरोजगारी से त्राहि-त्राहि कर रही है.
तारीगामी ने एलजी प्रशासन पर उठाए सवाल
हाल ही में जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से 6 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के फैसले को लेकर एलजी प्रशासन पर सवाल उठाते हुए तारिगामी ने कहा कि यह फैसला संविधान के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के राज में न केवल देश में बल्कि जम्मू कश्मीर में भी बेरोजगारी और महंगाई बढ़ गई है. बीजेपी के नेता झूठ की राजनीति कर रहे हैं.
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