नई दिल्लीः गुरुग्राम के जज की पत्नी और बेटे पर हुए जानलेवा हमले के मामले में गुड़गांव पुलिस अब दावा कर रही है कि घटना एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा नहीं बल्कि अचानक आये गुस्से की वजह से अंजाम दी गई.
गुरुग्राम पुलिस के मुताबिक 13 अक्टूबर को दोपहर करीबन 3:15 के आसपास जज की पत्नी और बेटा बाजार आता है और महिपाल गाड़ी चला कर लाता है. इसके बाद जज की पत्नी और बेटा बाजार में खरीदारी चलने करने चले जाते हैं लेकिन जब वापस आते हैं तो महिपाल वहां पर नहीं होता और गाड़ी की चाभी भी महिपाल के पास होती है. गाड़ी बंद देखकर वो लोग महिपाल को फोन करते हैं और जब महिपाल वापस आता है तो उसको इसी बात को लेकर डांटते हैं. पुलिस के मुताबिक इसी डांट को सुनने और नोकझोंक के बाद महिपाल अचानक जज के बेटे के साथ पहले मारपीट करता है और जब उसकी मां बचाव करती हैं तो दोनों पर गोली चला देता है.
गुरुग्राम पुलिस के मुताबिक महिपाल एक शातिर अपराधी के तौर पर पेश आता रहा है. पहले घटना को अंजाम देने के बाद वह फरार हो गया लेकिन जब बाद में पुलिस की गिरफ्त में आया यह दिखाने की कोशिश करने लगा कि जैसे वह कोई मनोरोगी है. पुलिस घटना के दौरान महिपाल ने शैतान और शैतान की मां का जिक्र भी सिर्फ लोगों को गुमराह करने के लिए ही किया था और इसकी कोई और वजह फिलहाल निकल कर सामने नहीं आई है.
पुलिस के सामने सवाल यह भी था कि क्या महिपाल ने धर्म परिवर्तन भी किया है क्योंकि शुरुआत में कुछ ऐसे तथ्य थे जिसके आधार पर पुलिस अपनी जांच आगे बढ़ाई. हालांकि अब तक की जांच के मुताबिक पुलिस धर्मांतरण की बात को सिरे से नकार रही है पुलिस ने साफ कर दिया है कि धर्मांतरण जैसी कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है.
सूत्रों ने बताया कि धर्मांतरण तो नहीं लेकिन वह ईसाई धर्म से जुड़े लोगों के संपर्क में था जिनके साथ मिलकर वह पोंजी स्कीम चला रहा था. फेसबुक पर जो डॉट्स वाली चिट्ठी मिली थी उसका लिंक भी उसी से निकला है. पुलिस ने अब तक की जांच के आधार पर यह साफ कर दिया है इसके पीछे कोई साजिश नहीं थी और अचानक आवेश में आकर महिपाल ने इस घटना को अंजाम दिया. लेकिन वजह क्या हो सकती है इस पर फिलहाल पुलिस अभी अपनी तफ्तीश आगे बढ़ा रही है, और इन्हीं वजहों में से एक वजह पारिवारिक विवाद भी बताई जा रही है.
पुलिस की मानें तो इस मामले में अब तक सामने आए सबूत गवाह और तथ्यों के आधार पर यही पता चल रहा है कि महिपाल ने अचानक अपना आपा खोया और इस घटना को अंजाम दिया. फिलहाल अब तक कोई और ऐसी ठोस वजह सामने नहीं आई है जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि एक घटना एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी. लेकिन सवाल यही है कि क्या यह केस इतना ही आसान है जितना पुलिस दिखा और बता रही है या फिर अभी भी कई ऐसे सवाल है जिनका जवाब सामने नहीं आ पाया है.
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