राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन के प्रणेता रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का गुरुवार को जयपुर के एक अस्पताल में निधन हो गया. गुर्जर आरक्षण को लेकर देश-दुनिया में चर्चा में रहे बैंसला कई दिनों से बीमार चल रहे थे. उन्होंने राजस्थान में गुर्जर समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग की थी. किरोड़ी सिंह बैंसला भारतीय सेना में कर्नल पद से रिटायर हुए थे और 2007 में राजस्थान में आंदोलन की अगुवाई की थी.


लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा, 'सामाजिक आंदोलन के प्रखर नेतृत्वकर्ता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं. सामाजिक अधिकारों के लिए उन्होंने आजीवन संघर्ष किया. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें परिजनों व प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं.'







केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने गुर्जर नेता के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, 'कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के निधन का समाचार दुखद है. समाज सुधार एवं समाज को संगठित करने में आपका योगदान अविस्मरणीय रहेगा.'


विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बैंसला का निधन गुर्जर समाज और उनके खुद के लिए व्यक्तिगत क्षति है. उन्होंने कहा, 'हमारे गुर्जर गांधी चले गए, इससे बड़ा दुख गुर्जर समाज के लिए हो नहीं सकता.'


कर्नल बैंसला से जुड़े रहे शैलेंद्र सिंह धाभाई ने इसे गुर्जर समाज के लिए अपूरणीय क्षति करार दिया. उन्होंने कहा, 'बैंसला ने पिछड़े वर्ग व गुर्जर समाज के लिए चेतना जगाने का काम किया. हमेशा उनके मन में गुर्जर समाज के भले की चिंता रहती थी और वह बहुत ही दृढ़ निश्चयी (व्यक्ति) थे.'


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