Ram Rahim Paroles: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह (Gurmeet Ram Rahim Singh) इस बार हरियाणा के रोहतक जिले की सुनारिया जेल से 40 दिनों के लिए एक बार फिर पैरोल पर बाहर है. वह हरियाणा में बलात्कार और मर्डर मामले में जेल में सजा काट रहा है. राम रहीम पहले भी कई बार पैरोल और फरलो पर जेल से बाहर आ चुका है. उसे पैरोल ऐसे समय पर मिली है, जब पंचायत चुनाव और आदमपुर उपचुनाव नजदीक हैं. हालांकि, बीजेपी ने साफ तौर पर कहा है कि इन चुनावों से पैरोल का कोई लेना-देना नहीं है. 


वहीं, करनाल की पूर्व मेयर रेणु बाला गुप्ता ने हाल ही में आगामी चुनावों के लिए राम रहीम का आशीर्वाद मांगा था. उन्होंने रहीम से ऑनलाइन बातचीत की थी. इससे पहले भी राम रहीम को 2021 में तीन बार और 2022 में दो बार पैरोल दी गई थी. डेरा प्रमुख की बार-बार हो रही रिहाई को आसानी से चुनावों की तारीखों से जोड़ा जा सकता है. 7 फरवरी को रहीम को पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले छुट्टी दे दी गई थी और जेड प्लस सिक्योरिटी भी दी गई थी. 


बार-बार हो रही रिहाई पर उठ रहे सवाल 


उस समय भी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरमीत की रिहाई और चुनाव के बीच किसी भी संबंध का खंडन किया था. उन्होंने कहा था दोषी को फरलो दी गई है, क्योंकि कानून में इसका प्रावधान है. पंजाब चुनाव से कोई संबंध नहीं है और यह महज एक संयोग है. एक बार फिर उसे जून में पैरोल दी गई. उस समय शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने उसे बार-बार रिहा करने के लिए हरियाणा सरकार की निंदा की थी. उनका कहना था कि एक तरफ, सरकार सिख कैदियों को उनकी जेल की सजा पूरी करने के बाद भी रिहा नहीं कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ रेप और हत्या जैसे जघन्य मामलों में जेल की सजा काट रहा गुरमीत राम रहीम को बार-बार जेल से रिहा किया जा रहा है. 


जून में वापस हुई थी पैरोल याचिका वापस 


इसके बाद जून 2019 में राम रहीम को अपनी पैरोल याचिका वापस लेने के लिए कहा गया था, जब विपक्षी दलों ने हरियाणा सरकार को कथित रूप से उसका पक्ष लेने के लिए घेर लिया था. उस समय, उसने सिरसा में अपने खेत की देखभाल के लिए 42 दिन की पैरोल मांगी थी. जेल अधिकारियों के अनुसार एक दोषी हर साल 90 दिनों की पैरोल का हकदार होता है, जो उसके आचरण पर मंजूरी और जिला प्रशासन से सुरक्षा मंजूरी के अधीन होता है, जहां वह पैरोल अवधि के दौरान रहेगा. 


दो महिला शिष्यों से बलात्कार की सजा


राम रहीम को पहली बार अगस्त 2017 में पंचकुला में एक विशेष सीबीआई अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया था. वह सिरसा में डेरा मुख्यालय में अपनी दो महिला शिष्यों से बलात्कार के लिए 20 साल की जेल की सजा काट रहा है. 2019 में राम रहीम और तीन अन्य को पत्रकार राम चंदर छत्रपति की 2002 की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था. पिछले साल उसे अन्य लोगों के साथ डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया गया था, जिसकी भी 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 


सुर्खियों में थीं बीजेपी नेताओं की तस्वीरें


2014 में डेरा प्रमुख हरियाणा में सबसे ज्यादा मांग वाले राजनेताओं में से एक था. पार्टी लाइनों के नेता चुनाव से पहले उसका आशीर्वाद लेने के लिए लाइन में लग जाते थे. हालांकि, अब भी कई ऐसे नेता हैं, जो राम रहीम का आशीर्वाद लेते हैं. 2014 में हरियाणा में पहली बार पूर्ण बहुमत से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सिरसा में राम रहीम के दौरे पर जाने वाले बीजेपी नेताओं की तस्वीरें सुर्खियों में रहीं. बीजेपी नेताओं के कई वीडियो और तस्वीरें वायरल हुईं, जिनमें वे डेरा प्रमुख का समर्थन मांगने के लिए उनके सामने हाथ जोड़कर खड़े थे.


एक बार फिर पैरोल पर राम रहीम 


एक बार फिर अब पैरोल मिलने के बाद हरियाणा के जेल मंत्री रंजीत सिंह ने बयान जारी किया है. उनका कहना है कि यह किसी भी दोषी का पैरोल या फरलो पर जेल से रिहा होने का कानूनी अधिकार है, बशर्ते दोषी ने जेल के अंदर कारावास के महीनों की अपेक्षित संख्या पूरी की हो. 19 अक्टूबर को अपने अनुयायियों के साथ डेरा प्रमुख की लगभग डेढ़ घंटे की ऑनलाइन बातचीत में हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा को भी कई स्थानों पर डेरा द्वारा किए जा रहे मानवीय कामों की तारीफ करते और आशीर्वाद लेते देखा गया. गंगवा भी डेरा से अपने परिवार के पुराने जुड़ाव को याद करते हुए दिखाई दे रहे हैं. गंगवा हिसार जिले के नलवा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक हैं. 


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