गुरुपतवंत पन्नू की 'हत्या की साजिश' मामले में भारत को अंधेरे में रखता रहा अमेरिका, जून में गिरफ्तार निखिल गुप्ता की जानकारी अक्टूबर में सौंपी
US-India Relations: खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका में रह रहा है. वह अमेरिका से ही सिख फॉर जस्टिस नाम के ग्रुप के जरिए खालिस्तानी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है.
US-India: अमेरिका ने खालस्तानी आतंकी और कनाडाई-अमेरिकी नागरिक गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या करने की साजिश का आरोप भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर लगाया है. निखिल पर आरोप है कि वह एक भारतीय अधिकारी के कहने पर पन्नू को ठिकाने लगवा रहा था. अब निखिल को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है. दरअसल, न्यूयॉर्क में मुकदमा दर्ज होने से कुछ दिन पहले ही नवंबर के मध्य में उसे चेक रिपब्लिक से अमेरिका लाया गया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 52 वर्षीय निखिल गुप्ता को प्राग एयरपोर्ट पर 30 जून को गिरफ्तार किया गया. गुप्ता का कहना है कि वह बिजनेस के मकसद से चेक रिपब्लिक गया था. हालांकि, चेक नेशनल ड्रग अधिकारियों को गुप्ता के जरिए किए जाने वाले ड्रग ट्रैफिकिंग की जानकारी थी, जिसे लेकर ही उसे पकड़ा गया. उसकी गिरफ्तारी की जानकारी प्राग में मौजूद भारतीय दूतावास को दी गई और कहा गया कि अमेरिकी अदालत के आदेश पर ये गिरफ्तारी हुई है.
दूतावास को नहीं बताया गया किस मामले में हुई गिरफ्तारी
हालांकि, दूतावास को निखिल गुप्ता के ड्रग ट्रैफिकिंग से जुड़े होने की जानकारी नहीं थी. दूतावास ने नियमों का पालन करते हुए उसे काउंसलर मदद दी. निखिल गुप्ता के पासपोर्ट डिटेल्स से उसके भारतीय होने की भी पुष्टि हुई. सबसे ज्यादा हैरानी वाली बात ये है कि चेक अधिकारी इस दौरान बिल्कुल चुप्पी साधे रहे और उन्होंने ये नहीं बताया कि गुप्ता पर किस मामले को लेकर जांच की जा रही है. वहीं, रिहाई के लिए गुप्ता ने कानूनी कार्रवाई के लिए अपने वकीलों की मदद ली.
अमेरिका ने अक्टूबर में दी निखिल गुप्ता की जानकारी
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा मोड तब आया, जब अक्टूबर के महीने में यूएस डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस एवरिल हैन्स भारत आए. वह उन सभी ठोस सबूतों के साथ भारत आए, जिन्हें निखिल गुप्ता और पन्नू की हत्या की साजिश में भारत के हाथ होने के संबंध में इकट्ठा किया गया था. इन्हीं सबूतों के आधार पर निखिल गुप्ता पर न्यूयॉर्क शहर में मुकदमा चलाया गया है. एवरिल हैन्स ने भारतीय अधिकारियों को इस पूरे मामले की जानकारी अक्टूबर के महीने में ही दे दी.
यूएस डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस के जरिए मिली जानकारी ने भारत को इस मामले की तह तक जाने को मजबूर किया. भारतीय सुरक्षा अधिकारियों ने सभी जानकारियों को करीब से देखा. अधिकारियों को पूरी जानकारी का मूल्यांकन करने में कुछ हफ्ते लगे. इसमें कुछ ऐसे सबूत थे, जिन्हें देखने के बाद तय किया गया कि इस मामले की जांच की जाएगी. इस बीच अमेरिकी अधिकारियों मुकदमा चलाने की तैयारी की और निखिल गुप्ता को चेक रिपब्लिक से अमेरिका लाया गया.