Gurpatwant Singh Pannun: प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू पर अकेले पंजाब में 22 मुकदमे दर्ज हैं. पन्नू पर आतंकवाद से लेकर राजद्रोह तक के आरोप लगे हैं. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 6 जुलाई 2017 से 28 अगस्त 2022 के बीच, सिख फॉर जस्टिस के कनाडा स्थित कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू पर पंजाब में आतंकवाद से लेकर राजद्रोह से लेकर 22 मामले दर्ज हैं.


इसके अलावा चंडीगढ़ में राजद्रोह और अन्य आरोप के मामले उसके खिलाफ दर्ज हैं. पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया है कि गुरपतवंत सिंह पन्नू पंजाब में कई एफआईआर में आरोपी है. पंजाब पुलिस पन्नू के आत्मसमर्पण के लिए केंद्र के जरिए कानूनी कार्रवाई कर रही है जिससे कि उसके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में मुकदमा चलाया जा सके. भारत सरकार ने 1 जुलाई 2020 से संशोधित UAPA कानून के तहत आतंकवादी घोषित कर रखा है. जुलाई 2020 में ही पंजाब पुलिस ने अमृतसर और कपूरथला में पन्नू के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया था.


कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?


गुरपतवंत सिंह पन्नू सिख फॉर जस्टिस का मुखिया और लीगल एडवाइजर है. वो कनाडा में रहता है. उसका जन्म अमृतसर के खानकोट गांव में हुआ था. बाद में वो विदेश चला गया औऱ आईएसआई के समर्थन से पंजाब में खालिस्तानी अलगाववादी मुहिम को फिर से जिंदा करने की कोशिश कर रहा है. गुरपतवंत सिंह पन्नू के पिता का नाम महिंदर सिंह था जो बंटवारे के समय पाकिस्तान से अमृतसर के खानकोट गांव में बस गए थे. पन्नू का एक भाई भी है जिसके नाम मंगवंत सिंह पन्नू है, ये दोनों ही विदेश में जाकर बस गए.


इंटरपोल ने खारिज की अपील


भारत सरकार लगातार गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर जारी करने की मांग कर रही है. भारतीय एजेंसियों ने दूसरी बार इंटरपोल से ये अपील की थी, जिसे खारिज कर दिया गया. इंटरपोल का कहना है कि भारतीय एजेंसियां पन्नू के खिलाफ पर्याप्त सबूत देने में नाकाम रही हैं, इस वजह से उनकी अपील को खारिज कर दिया गया है. इसके अलावा भारत ने जिस UAPA कानून के तहत पन्नू के खिलाफ नोटिस जारी करने की मांग की उस पर भी इंटरपोल ने सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि, इंटरपोल ने ये माना है कि पन्नू और उसके संगठन सिख फॉर जस्टिस पर अलगावाद से जुड़े होने के आरोप लगे हैं.


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