Guru Gobind Singh Jayanti: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सिख धर्म के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि गुरु गोबिंद सिंह का अद्वितीय साहस आने वाले वर्षों में लोगों को प्रेरित करता रहेगा. गुरु की प्रशंसा करते हुए पीएम ने अपने एक पुराने भाषण का वीडियो भी पोस्ट किया है. 


प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘उनके प्रकाश पर्व के पवित्र अवसर पर मैं श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को नमन करता हूं और मानवता के लिए उनके योगदान को याद करता हूं. उनका अद्वितीय साहस आने वाले वर्षों में लोगों को प्रेरित करता रहेगा." हर साल सिख धर्म के लोग उनकी जयंती उत्साह के साथ मनाते हैं. इस दिन गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया जाता है. कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है. लंगर भी आयोजित होता है. 


स्वर्ण मंदिर पहुंचे श्रद्धालु


गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में पवित्र डुबकी लगाकर अरदास की. काफी श्रद्धालु स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकते हुए दिखाई दिए. नानकशाही कैलेंडर के अनुसार, हर साल पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह की जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है.


कौन थे गुरु गोबिंद सिंह?


गुरु गोबिंद सिंह का जन्म अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, 22 दिसंबर 1666 को हुआ था. 7 अक्टूबर 1708 को मुगलों से युद्ध के दौरान उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था. श्री हजूर साहिब गुरु गोबिंद सिंह का शहीद स्थल है. जो महाराष्ट्र के नांदेड़ में है. 


खालसा पंथ की स्थापना


गुरु गोबिंद सिंह ने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी. इसके बाद सिख धर्म में पांच ककार यानी केश, कंगन, कृपाण, कंघा और कच्छा अनिवार्य कर दिया गया था. गुरु गोबिंद सिंह ने अपने बाद गुरु परंपरा को समाप्त कर दिया था. उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को स्थायी गुरु घोषित किया था. गुरु गोबिंद सिंह ने 'वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह' का नारा दिया था. 


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