Gurpurab 2020 LIVE Updates: गुरु नानक जयंती पर नेताओं, बॉलीवुड एक्टर समेत दिग्गजों ने दी बधाई

Guru Nanak Jayanti, Gurpurab 2020 LIVE Updates: गुरु नानक देव ने समाज को एकजुटता के लिए कई संदेश दिए. गुरु नानक देव का कहना था कि भगवान एक है और भगवान सभी जगह पर है. उनका कहना था कि हमेशा मेहनत करनी चाहिए और लोगों की सहायता करनी चाहिए.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 30 Nov 2020 02:49 PM




बॉलीवुड से भी कई दिग्गज गुरु नानक जयंती पर दे रहे हैं बधाई

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रकाश पर्व की दी शुभकामनाएं
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरु पूरब की दी बधाई


पंजाब: गुरु नानक देव जी की 551 वीं जयंती के अवसर पर भक्तों ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में माथा टेका और पवित्र स्नान किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती पर आज उन्हें श्रद्धांजलि दी और कामना की कि उनके विचार समाज की सेवा करने के लिए, बेहतर संसार सुनिश्चित करने के लिए सभी को प्रेरित करते रहें. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, "मैं इस प्रकाश पर्व पर श्री गुरु नानक देव जी को नमन करता हूं. उनके विचार हमें समाज की सेवा करने और एक बेहतर संसार सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करते रहें."
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को गुरु नानक जयंती की पूर्व संध्या पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सिख गुरु की शिक्षाओं में सार्वभौमिक अपील है और लोगों को करुणा और विनम्रता के मार्ग पर चलने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहेंगे. नायडू ने अपने संदेश में कहा, "भारत के आध्यात्मिक नेताओं, गुरुओं, सुधारकों और संतों के बीच उनका एक विशिष्ट स्थान है. उनकी शिक्षाओं में सार्वभौमिक आग्रह है और वे हमें हमेशा करुणा और विनम्रता के मार्ग पर चलने और संपूर्ण मानव जाति के प्रति सम्मान दिखाने के लिए प्रेरित करते रहेंगे, चाहे वह किसी भी जाति, पंथ या धर्म के हों."
प्रकाश पर्व पर घरों में भी लोग सिख गुरुबाणी का पाठ करते हैं और गुरुनानक देव को याद करते हैं. इस दिन जुलूस और शोभा यात्रा भी निकाली जाती है. इसके जरिए गुरु नानक देव की ओर से दिए गए संदेश लोगों तक पहुंचाए जाते हैं. वहीं इस दौरान सिख धर्म के धार्मिक ग्रंथ श्री गुरुग्रंथ साहिब को फूलों की पालकी से सजे वाहन पर गुरुद्वारा लाया जाता है.

बैकग्राउंड

देशभर में आज गुरु नानक जयंती मनाई जा रही है. हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु नानक जयंती मनाई जाती है. गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु माने जाते हैं. कहा जाता है कि बचपन से ही गुरु नानक देव का आध्यात्मिकता की तरफ काफी रुझान था और वह सत्संग और चिंतन में लगे रहते थे.


 


30 साल की उम्र तक गुरु नानक देव का ज्ञान परिपक्व हो चुका था और परम ज्ञान हासिल होने के बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन सत्य का प्रचार किया. गुरु नानक देव की जयंती को सिख धर्म के लोग बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा से प्रकाश पर्व या गुरु पर्व के तौर पर मनाते हैं. कहा जाता है कि ईश्वर की तलाश की खातिर गुरु नानक ने 8 साल की उम्र में ही स्कूल छोड़ दिया था.


 


गुरु नानक देव का झुकाव बचपन से ही आध्यात्म की तरफ होने के कारण उन्होंने सांसारिक कामों से दूरी बना ली थी. वे लगातार ईश्वर और सत्संग की तरफ रुचि लेने लगे थे. ईश्वर के प्रति गुरु नानक का समर्पण काफी ज्यादा था, जिसके कारण लोग उन्हें दिव्य पुरुष मानने लगे. गुरु नानक जयंती यानी प्रकाश पर्व के मौके पर गुरुद्वारों में शब्द-कीर्तन का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही अलग-अलग जगहों पर लंगर भी लगाए जाते हैं.


 


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