नई दिल्लीः मानवता की सेवा को लेकर गुरु नानक देव के कई किस्से हैं. सेवा भाग में उन्होंने कभी नहीं देखा कि किस धर्म के लोगों की मदद कर रहे हैं. क्या हिंदू, क्या मुसलमान सभी धर्मों के अनुयायियों की सेवा उन्होंने दिल खोलकर की. बाकी धर्मगुरुओं की तरह गुरु नानक देव का भी मानना था कि ईश्वर हर जगह व्याप्त हैं. अपने सेवा भाव के कारण ही उन्होंने मक्का मदीना की यात्रा भी की.
अपने इस यात्रा के दौरान नानक साहिब से जुड़ी घटना ने इस्लाम धर्म के अनुयाइयों को बड़ी शिक्षा दी थी. ऐसा किस्सा मशहूर है कि जिस समय वह मक्का पहुंचे थे उस समय वह हाजी के भेष में थे. वह अपने शिष्यों के साथ मक्का पहुंचे थे.
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किस्से के मुताबिक मक्का पहुंचने पर गुरु नानक देव थक गए. हाजियों के लिए बने रेस्ट हाउस में मक्का की ओर पैर करके लेट गए. हाजियों की सेवा करने वाला एक खादिम उन्हें सोते देख गुस्सा हो गया. खादिम ने गुस्से में कहा कि क्या तुमको दिखता नहीं है कि तुम मक्का की तरफ पैर करके लेटे हो.
गुरु नानक देव ने कहा कि वह बहुत थके हुए हैं और आराम करना चाहते हैं. इसके बाद उन्होंने खादिम से कहा जिस ओर खुदा न हो उसी तरफ उनका पैर कर दें. खादिम तुरंत ही गुरू नानक देव की बात को समझ गया. उन्होंने कहा कि खुदा केवल एक दिशा में नहीं बल्कि हर दिशा में है.
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