नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने गुरुद्वारा करतारपुर साहिब मामले में पाकिस्तान के डिप्लोमैट को समन किया है.  पाकिस्तान ने हाल ही में करतारपुर साहिब के प्रबंधन को एक ‘ट्रस्ट’ को सौंपा है. भारत ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई है.


विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि हमने पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के प्रबंधन एवं रखरखाव के काम को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से लेकर एक अन्य ट्रस्ट ‘इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ को देने की खबरें देखी हैं, जो कि सिख निकाय नहीं है.






भारत ने कहा पाकिस्तान का यह एकतरफा फैसला अत्यधिक निंदनीय है और करतारपुर साहिब गलियारे और सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है. गौरतलब है कि चार किलोमीटर लंबा करतारपुर गलियारा पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक और पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को आपस में जोड़ता है.


विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘ इस तरह की कार्रवाइयां केवल पाकिस्तान सरकार और उसके नेतृत्व के धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और कल्याण के संरक्षण के बड़े बड़े दावों की वास्तविकता को उजागर करती है.’’