Gurugram History: 2000 साल पुराना गुरुग्राम कैसे बना इंडिया का सिंगापुर, जानें
Gurugram City History: बीते दिनों गुरुग्राम को लेकर आई एक सर्वे रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इस शहर ने क्वालिटी ऑफ इंडेक्स में प्रमुख एशियाई शहरों सिंगापुर और हांगकांग को भी पीछे छोड़ दिया है.
Gurugram An Ancient City: राजधानी दिल्ली से सटा हुआ हरियाणा का एक जिला है गुरुग्राम. 1970 के दशक के पहले तक इतिहास और शासन की उपेक्षा झेल रहे इस जिले का इतिहास 2 हजार सालों से भी ज्यादा पुराना है. मौजूदा तारीख में गुरुग्राम को कंपनियों का हब और भारत का सिंगापुर कहा जाता है.
पौराणिक काल से लेकर भारत का सिंगापुर बनने की इस भागते-दौड़ते शहर की कहानी काफी दिलचस्प है. इसकी शुरुआत महाभारत काल से होती है. पौराणिक कथाओं की मानें तो महाभारत काल में कौरवों-पांडवों को पढ़ाने वाले गुरु द्रोणाचार्य को यह जिला उपहार में दिया गया था.
2016 तक गुड़गांव हुआ करता था नाम
2016 में गुड़गा्ंव का नाम बदलकर जब गुरुग्राम किया गया तो इसके पीछे भी सरकार और सरकारी अधिकारियों ने यह तर्क दिया था कि हरियाणा श्रीमद् भगवद गीता की ऐतिहासिक भूमि है और गुरुग्राम गुरु द्रोण की शिक्षा का शहर है.
अगर हम महाभारत काल के बाद के समय की बात करें तो हम पाएंगे कि इस इलाके को यदुवंशी और जादौन जनजातियों के राजपूतों ने भी अपने साम्राज्य का हिस्सा बनाया. बाद में जब मुगल भारत आए तब बाबर ने सबसे पहले इस इलाके को जीता और यहां पर शासन किया.
मुगलों ने इस जमीन पर सन् 1803 तक शासन किया. बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस भाग को जीता और देश को आजादी मिलने तक भारत के बाकी इलाके की तरह यहां पर भी ब्रिटिश हुकूमत ने शासन किया.
आजादी के बाद पंजाब का हिस्सा बना गुरुग्राम
1947 के आजाद भारत में गुरुग्राम पंजाब का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन 1963 में एक नया राज्य हरियाणा बना और तबसे गुरुग्राम इसी राज्य का हिस्सा है. यहां की जमीन अरावली पर्वत श्रंखला के कारण खेती योग्य नहीं थी, इसलिए 70 के दशक में जब औद्योगिक क्रांति हुईं तो कंपनियों की नजर दिल्ली से सटे इस इलाके पर पड़ी.
औद्योगिक क्रांति के बाद बदली गुरुग्राम की तस्वीर
गुरुग्राम के मानेसर में मारुति सुजुकी ने अपना पहला कारखाना खोला और उसके बाद कई कॉर्पोरेट कंपनियां सस्ती जमीन, दिल्ली से नजदीकी और कई अन्य कारणों की वजह से इस जिले में आईं. इन कंपनियों ने ही यहां पर भारी भरकम निवेश किया और यह देश का दूसरा सबसे बड़ा साइबर हब बन गया.
गुरुग्राम आज देश में कार्पोरेट कंपनियों, विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य कई वजहों के कारण दुनिया भर में जाना जाता है. द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक नुम्बेओ कंपनी के सर्वे में गुरुग्राम ने क्वालिटी ऑफ लाइफ इंडेक्स में प्रमुख एशियाई शहरों सिंगापुर, हांगकांग और कुआलालंपुर को भी पीछे छोड़ दिया.