गुरुग्राम: गुरुग्राम के बामडोली गांव में बेहद मामूली सी बात पर हुई कहासुनी हिंसा में बदल गई. बात बस इस बात को लेकर शुरू हुई थी कि गांव ही एक लड़का सुमित अपनी गाड़ी में बैठ कर गांव के बाहर अपने दो भाइयों का इंतजार कर रहा था. यह देखकर गांव में ही रहने वाले आकाश के साथी वहां पहुंचे और उसे इस बात पर टोका और वहां से जाने को कहा.
जब सुमित ने उन्हें बताया कि मैं इसी गांव का रहने वाला हूं और मैं अपने भाइयों का इंतजार कर रहा हूं. उनके आते ही यहां से चला जाऊंगा. तो उन लड़कों ने सुमित को फिर से वहां से जाने के लिए कहा. इसी बात पर सुमित की उनसे बहस हुई, जिसके बाद उन लड़कों के 15 - 20 साथी आकाश के साथ वहां पहुंचे. तभी सुमित के भाई वहां आ गए. इन सब के बीच बहस शुरू हो गई. हाथापाई भी हुई. तभी सुमित के परिजन भी शोर सुनकर वहां पर एकत्र हो गए. इसके बाद दोनों पक्षों में लड़ाई हो गई.
सभी गांव वालों ने मिलकर दोनों पक्षों के बीच समझौता कराया और दोनों को वहां से घर वापस भेज दिया. यह घटना रात 9 बजे की थी. लगभग आधे घंटे बाद आकाश और उसके 20 - 25 साथी लाठी-डंडों और पिस्तौल से लैस होकर सुमित के घर की तरफ बढ़े. सुमित के घर के बाहर भी उसके परिजन व अन्य रिश्तेदार बैठे हुए थे. एक बार फिर से दोनों पक्षों के बीच लड़ाई झगड़ा शुरू हो गया. आकाश और उसके साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां भी चलाई और लाठी-डंडों से उन लोगों पर हमला भी किया, जिस वजह से सुमित के चचेरे भाई मनोज की कमर में गोली लग गयी. जबकि सुमित के पिता शनेश लाठी-डंडों की चोट से गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. सुमित के एक रिश्तेदार शमशेर भी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. तीनों अस्पताल में भर्ती हैं.
इस मामले के मुख्य आरोपी आकाश और उसके साथियों ने सुमित और उसके परिजनों को चोट पहुंचाने के बाद भी तरस नहीं खाया. जब मनोज को अस्पताल ले जाने के लिए सभी लोग उसे गाड़ी में ले जा रहे थे, तो गाड़ी के आगे स्कूटी खड़ी करके उसे रोक दिया गया और फिर गाड़ी पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया गया. किसी तरीके से तीनों घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां पर तीनों की हालत गंभीर बनी हुई है. गुरुग्राम सेक्टर 10 में इस संबंध में हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. अभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
आकाश ने 14 साल की उम्र में किया था पहला मर्डर
इस घटना का मुख्य आरोपी आकाश यादव उर्फ आशु जब 14 साल का था तो उसने अपने स्कूल के एक छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी थी. यह घटना गुरूग्राम के यूरो स्कूल के अंदर दिसंबर 2007 में हुई थी. आकाश यादव अपने घर से अपने पिता की लाइसेंसी पिस्टल चुराकर ले आया था और उसी पिस्तौल से उसने स्कूल में छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी थी. आकाश को 3 साल तक बाल सुधार गृह में भी रखा गया था. लेकिन वह सुधरा नहीं है. उसके बाद भी वह आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा. पुलिस का कहना है कि आकाश के खिलाफ 2015 में भी हत्या का एक मामला दर्ज किया गया था. साथ ही उसके खिलाफ एक्सटॉर्शन की भी शिकायत मिलती रही हैं. आकाश की तलाश की जा रही हैं. गांव के अंदर कुछ घरों में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए थे जिनका डीवीआर जब्त कर लिया गया है और सीसीटीवी फुटेज से पूरी वारदात की जानकारी जुटाई जा रही है.
आकाश और उसके परिवार के बहिष्कार को लेकर हुई पंचायत
बामडोली गांव में हुई गोलीबारी की घटना के बाद अब गांव में पंचायत चल रही है. विषय है कि गांव में इस तरह के आपराधिक तत्वों को शरण न दी जाए और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.
ग्राम बामडोली के सरपंच साधुराम ने कहा कि विषय यही था जो कल रात को घटना हुई है, इस तरह की घटना भविष्य में न हो. इसी बात को लेकर हमने पंचायत बुलाई थी और जो मुख्य आरोपी है आकाश उर्फ आशु उस पर पहले भी आपराधिक मामले दर्ज हैं और पहले भी गांव में उसका गांव के ही कुछ लोगों से झगड़ा हो चुका है. पहले भी पंचायत हुई थी. जब राजीनामा हुआ था और इन लोगों ने कहा था कि आगे से ऐसी घटना नहीं होगी, लेकिन अब भी इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. इसलिए इस बार हम लोग पुलिस कमिश्नर के पास जाकर पंचायत के निर्णय का ज्ञापन सौंपेंगे.
ग्राम पंचायत ने यह निर्णय लिया है कि अराजक तत्वों से गांव को निजात दिलाई जाए. उन्होंने कहा कि हम लोग पुलिस कमिश्नर से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे कि आजाद और आजाद के लड़के गांव में अराजकता फैलाते हैं और अपराधिक तत्वों का साथ देते हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. आजाद का बेटा है आकाश, उसके खिलाफ मुकदमे दर्ज है. पहले भी गांव में झगड़ा हो चुका है. पहले भी पंचायत हुई थी. तब पंचायत में समझौता करवा दिया गया था.
बिहार में कैबिनेट के जातीय फ़ॉर्मूले से बीजेपी क्या साधना चाहती है?