प्रद्युम्न हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया पिंटो परिवार को नोटिस, 30 अक्टूबर को सुनवाई
प्रद्युमन के पिता बरूण चन्द्र ठाकुर ने अपनी याचिका में इन सभी की अग्रिम जमानत निरस्त करने का अनुरोध किया है.
नई दिल्ली: गुरुग्राम के रायन स्कूल में सात साल के प्रद्युम्न की हत्या के मामले में पिंटो परिवार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए दायर याचिका पर आज रायन पिन्टो और उनके माता पिता से जवाब मांगा है. इस मामले की सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी.
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने छात्र प्रद्युमन की हत्या के मामले की जांच कर रही सीबीआई से भी जवाब मांगा है.
पीठ ने इस समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रायन पिन्टो, उसके माता पिता एवं संस्थापक अध्यक्ष अगस्टाइन पिन्टो और प्रबंध निदेशक ग्रेस पिन्टो को नोटिस जारी किये. इन्हें सुनवाई की अगली तारीख 30 अक्तूबर तक नोटिस का जवाब देना है. प्रद्युमन के पिता बरूण चन्द्र ठाकुर ने अपनी याचिका में इन सभी की अग्रिम जमानत निरस्त करने का अनुरोध किया है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने रायन समूह के इन तीन ट्रस्टियों की गिरफ्तारी पर 28 सितंबर को रोक लगा दी थी. इन तीनों ने कोर्ट से अग्रिम जमानत की अपील की थी.
सीबीएसई ने पांच अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि गुरूग्राम स्थित रायन स्कूल में प्रशासन की लापरवाही के कारण ही नाबालिग छात्र की नृशंस हत्या हुई, क्योंकि सिर्फ बच्चों और स्टाफ के लिये बने वॉशरूम का इस्तेमाल करने की अनुमति ड्राइवरों और कंडक्टरों को भी दी गयी थी. ठाकुर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि हाई कोर्ट की तरफ से अंतरिम राहत देने और यह राहत आगे बढाने के आदेश त्रुटिपूर्ण हैं और इन्हें निरस्त किया जाना चाहिए. याचिका के अनुसार जांच ब्यूरो की जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और ऐसी स्थिति में उन्हें अंतरिम जमानत देना आपराधिक न्याय व्यवस्था को निष्फल बनाता है.