गुरुग्राम छात्र हत्याकंड: पुलिस अधिकारियों ने की थी कंडक्टर की फर्जी गिरफ्तारी, CBI ने दायर की चार्जशीट
सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान पाया कि इस पूरे मामले में गुड़गांव पुलिस में तैनात तत्कालीन एक सहायक पुलिस आयुक्त एक इंस्पेक्टर और एक सब इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मियों का गहन रोल है. जांच के बाद सीबीआई ने इन चारों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न अपराधिक धाराओं के तहत विशेष अदालत के सामने अपना आरोप पत्र दाखिल कर दिया है.
नई दिल्ली: गुरुग्राम के एक स्कूल में 3 साल पहले एक दूसरी कक्षा की छात्र की हत्या के मामले में सीबीआई ने हरियाणा पुलिस के तत्कालीन एसीपी समेत चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र विशेष अदालत में दायर किया है. आरोप है कि इस मामले में इन पुलिस अधिकारियों ने जो पहली गिरफ्तारी की थी वह पूरी तरह से फर्जी थी.
साल 2017 में हुई थी ये घटना सीबीआई के एक आला अधिकारी ने बताया कि गुड़गांव के एक बड़े प्रतिष्ठित विद्यालय में यह घटना साल 2017 में गठित हुई थी जहां उसी विद्यालय के एक छात्र ने अपने सहपाठी छात्र की बाथरूम में हत्या कर दी थी. अधिकारी के मुताबिक हरियाणा पुलिस ने इस मामले में स्कूल की एक बस के कंडक्टर को गिरफ्तार किया था. बाद में इस मामले में काफी हो-हल्ला मचने के बाद यह मामला जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया था.
हरियाणा पुलिस ने दबाव में आकर कंडक्टर को गिरफ्तार कर लिया था सीबीआई के आला अधिकारी के मुताबिक सीबीआई ने इस मामले में जांच की और यह पाया कि यह हत्या बस कंडक्टर के द्वारा नहीं की गई थी बल्कि आरोप के मुताबिक हत्या स्कूल के ही एक दूसरे छात्र ने की थी और हरियाणा पुलिस ने दबाव में आकर कंडक्टर को गिरफ्तार कर लिया था. जबकि उसके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं थे.
सीबीआई ने कहा- पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में नकली साक्ष्य गढ़े थे सीबीआई ने इस मामले में आरोपी छात्र के खिलाफ अपना मूल का आरोप पत्र पहले ही पेश कर दिया था. सीबीआई के आला अधिकारी के मुताबिक इस मामले में जांच जब और आगे बड़ी फर्जी गिरफ्तारी की बाबत गहन छानबीन शुरू हुई तो पता चला की पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में नकली साक्ष्य गढ़े थे और साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी थी.
ध्यान रहे कि स्कूल में हुई इस हत्या को लेकर बेहद बवाल मचा था और बाद में अनेक लोगों बातचीत भी सामने आई थी. सीबीआई के सामने इस मामले को हल करने के लिए दो पहलू थे पहलू नंबर एक कि जिस कंडक्टर को गिरफ्तार किया गया है यदि उसकी इस हत्याकांड में भूमिका है तो उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया जाए. पहलू नंबर दो यदि कंडक्टर आरोपी नहीं है तो असली कातिल कौन है.
फॉरेंसिक जांच के दौरान कई अहम बातें सामने आई थीं सीबीआई ने इस मामले की घटनास्थल समेत बस, बाथरूम, कपड़े, स्कूल बैग आदि की गहन जांच की थी. फॉरेंसिक जांच के दौरान कई अहम बातें सामने आई थी. कॉल रिकॉर्डर का विश्लेषण., कई व्यक्तियों द्वारा दिए गए बयान और परिस्थिति जन्य साक्ष्यों ने मामले की कलई खोल दी. जांच के दौरान यह पाया गया कि कंडक्टर को गलत तरीके से फंसाया गया है.
सीबीआई के आला अधिकारी के मुताबिक इस मामले में पहली कोशिश थी कि आरोपी छात्र के खिलाफ कोर्ट के सामने वाद प्रस्तुत कर दिया जाए और उसके बाद संबंधित पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच की जाए. जांच के दौरान यदि गहन साक्ष्य मिले तो उनके खिलाफ भी आरोपपत्र कोर्ट के सामने दाखिल किया जाए.
सीबीआई ने अपने आरोप पत्र विशेष कोर्ट के सामने पेश किया सीबीआई अधिकारी के मुताबिक इस मामले की जांच के दौरान अनेक ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो सीधे-सीधे पुलिस अधिकारियों की इस मामले में भूमिका को साबित करते हैं.फिलहाल सीबीआई ने अपने आरोप पत्र विशेष कोर्ट के सामने पेश कर दिया है और अब तो कोर्ट का निर्णय ही बताएगा कि सीबीआई की जांच किस करवट बैठती है.
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