Gyanvapi Case: कथित शिवलिंग की पूजा की इजाजत और परिसर में मुस्लिमों पर पाबंदी की याचिका सुनवाई योग्य है? कोर्ट का फैसला आज
मुस्लिम पक्ष के वकील तौहीद खान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अदालत इस मामले को खारिज कर देगी. अगर केस खारिज नहीं हुआ तो वह जिला जज और फिर हाईकोर्ट में अपील करेंगे.
Gyanvapi Case Hearing Today: ज्ञानवापी केस में आज अहम दिन है. वाराणसी की एक अदालत सोमवार को हिंदू पक्ष की याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी. इस याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद के वजुखाना के अंदर पाए गए 'शिवलिंग' की पूजा करने की अनुमति मांगी गई है. कोर्ट को तय करना है कि क्या यह याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं.
उधर, मुस्लिम पक्ष के वकील तौहीद खान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अदालत इस मामले को खारिज कर देगी. खान ने कहा कि जिला अदालत में पहले का मामला मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हिंदू देवताओं की मूर्तियों की दैनिक पूजा की अनुमति के संबंध में था, जबकि चल रहा मामला मस्जिद के नाम से ही संबंधित है.
मामला क्या है?
जिला अदालत ने इससे पहले मुस्लिम पक्ष की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें हिंदू देवी-देवताओं की दैनिक पूजा की अनुमति मांगने वाली पांच हिंदू महिलाओं की याचिका की विचारणीयता पर सवाल उठाया गया था. हालांकि, एक वीडियो सर्वे के बाद एक संरचना मिली जिसके बारे में हिंदू पक्ष ने दावा किया कि वह मस्जिद के वजूखाना के अंदर एक शिवलिंग था. इसके बाद हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर भगवान शिव के अनुयायियों को 'शिवलिंग' की पूजा करने की अनुमति मांगी.
वाराणसी की अदालत सोमवार को कथित शिवलिंग की पूजा की इजाजत और परिसर में मुस्लिमों पर पाबंदी की याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर फैसला सुनाएगी. मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि अगर केस खारिज नहीं हुआ तो वह जिला जज और फिर हाई कोर्ट में अपील करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
गौरतलब है कि 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग जैसी संरचना और उसके आसपास की जगह को संरक्षित रखने का आदेश दिया था. हिंदू श्रद्धालुओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को यह बताया गया था कि पूरी जगह को सुरक्षित रखने का जो आदेश उसकी तरफ से दिया गया था, उसकी अवधि 12 नवंबर को पूरी हो जाएगी.
इस पर कोर्ट ने कहा कि जो आदेश 17 मई और 20 मई को दिए गए थे, वह अगले आदेश तक जारी रहेंगे. इन आदेशों में कोर्ट ने मस्जिद के वजूखाने को सील रखने के लिए कहा था ताकि परिसर के सर्वे के दौरान वहां मिली शिवलिंग जैसी संरचना को कोई नुकसान न पहुंचे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को एक दूसरे की याचिकाओं पर तीन हफ्ते में जवाब देने को भी कहा.
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