ST On Gyanvapi Case: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार (03 अगस्त) को अपना फैसला सुनाते हुए एएसआई को सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इसको लेकर मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. मामले पर समाजवादी पार्टी (एसपी) के सांसद एसटी हसन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने एबीपी न्यूज के साथ खास बातचीत करते हुए कहा, “कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी नहीं की जा सकती. कोर्ट का फैसला सर्वमान्य होता है. देश को सांप्रदायिक सौहार्द की सख्त जरूरत है. न कि आम आदमियों को बांटने की. नफरतों की सौदगरी बंद होनी चाहिए. हमने अपनी आबादियों को तो बांट ही दिया है साथ ही अपने पैदा करने वालों को भी बांटने का काम कर रहे हैं.”
सर्वे से माहौल खराब होने पर हसन
जब उनसे पूछा गया कि सर्वे से माहौल कैसे खराब हो सकता है तो वो कहते हैं, “ये तो अभी शुरूआत है. हमारा पिछला अनुभव रहा है... बाबरी मस्जिद मामले पर देश में क्या हुआ था ये तो सभी को पता है. चुनाव सिर पर है, इसीलिए तनाव भी है. इसीलिए इस तरह की बातें भी हो रही हैं. 350 साल से जिस मस्जिद में नमाज हो रही हो, उसको हम मस्जिद नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे?”
सच सामने आने के बाद क्या होगा?
बीजेपी कह रही है कि सच सामने आ जाएगा, इससे किसी को क्या आपत्ति हो सकती है. इस सवाल के जवाब में हसन कहते हैं, “अगर सच सामने आ जाता है तो न जाने कितने पक्ष सामने खड़े गो जाएंगे कि अब इसको ध्वस्त कीजिए, यहां अब एक भव्य मंदिर बनेगा. उसके बाद सुना ये भी है कि अभी 3 हजार मस्जिदें और हैं. जिनको टारगेट कर रखा है.”
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