Supreme Court Order On Gyanvapi: उत्तर प्रदेश (यूपी) के वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने की सफाई की जाएगी. मंगलवार (16 जनवरी, 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए मंजूरी दे दी. टॉप कोर्ट ने हिंदू पक्ष की मांग पर यह आदेश दिया और कहा कि वहां पर साफ-सफाई का काम जिलाधिकारी (डीएम) की देखरेख में किया जाए. 


सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई. 3 जनवरी को याचिका पर उन्होंने जल्द सुनवाई का भरोसा दिया था. वजूखाना में मछलियों के मर जाने के बाद यह याचिका दाख़िल की गई थी.


भावनाएं आहत होने का किया गया था दावा


हिंदू पक्ष ने अपनी याचिका में कहा कि वजूखाने की मछलियों की मौत 12 से 25 दिसंबर, 2023 के बीच हुई है. इस वजह से बदबू आना शुरू हो गया है. याचिका में आगे कहा गया, 'वहां मौजूद "शिवलिंग" हिंदुओं के लिए बहुत पवित्र है. इसलिए उसे किसी भी तरह की धूल, गंदगी और मरे हुए जानवरों से दूर रखना चाहिए. उसकी सफाई होनी चाहिए. मगर अभी वह मरी हुई मछलियों से घिरा हुआ है, जिसकी वजह से भगवान शिव को मानने वाले भक्तों की भावनाएं आहत हो रही हैं.'


यह याचिका अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के जर‍िए सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. याच‍िका में कहा गया था क‍ि वहां पर प्रबंधन की ज‍िम्‍मेदारी अंजुमन इंटेजामिया मस्जिद के पास है जो ज्ञानवापी परिसर में मस्जिद का प्रबंधन करती है. इसी लिए मछलियों के मारे जाने के लिए वो ही जिम्मेदार हैं. इसल‍िए वहां साफ करने के लिए जिलाधिकारी को दिशा न‍िर्देश की मांग की गई थी.


क्या है मामला
आपको बता दें क‍ि ‘वज़ुखाना’ के क्षेत्र को 2022 में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश पर सील कर दिया गया था. यहां ‘शिवलिंग’ के आकार का पत्थर मिला था, जिसके बाद सील करने का आदेश दिया गया है.  16 मई 2022 को, काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद में एक अदालत के आदेश पर सर्वेक्षण के दौरान, इस संरचना को हिंदू पक्ष द्वारा ‘शिवलिंग’ और मुस्लिम पक्ष द्वारा ‘फव्वारा’ होने का दावा किया गया था


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