Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मामले में वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक की मांग सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. वाराणसी के अंजुमन इंतजामिया मस्ज़िद की मैनेजमेंट कमिटी ने याचिका दाखिल की है. मामला आज चीफ जस्टिस एन वी रमना कि अध्यक्षता वाली बेंच के सामने रखा गया. मस्ज़िद परिसर के सर्वे के आदेश पर तुरंत रोक की मांग की गई. लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा कि बिना मामले की फ़ाइल देखे वह कोई आदेश नहीं दे सकते.

 

अंजुमन इंतजामिया मस्ज़िद की याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के 21अप्रैल के आदेश को चुनौती दी गई है. उस दिन हाई कोर्ट ने मस्ज़िद परिसर के सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का निचली अदालत के आदेश पर रोक से मना कर दिया था. आज वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी ने चीफ जस्टिस की बेंच के सामने मामला रखा. उन्होंने कहा कि सर्वे का काम शुरू हो चुका है. इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि उन्हें इस विषय में अभी कोई जानकारी नहीं है. बिना याचिका को पढ़े वह कोई आदेश नहीं दे सकते है.

 

चीफ जस्टिस ने दिया आश्वाशन

 

अहमदी ने कहा कि वाराणसी में जो प्रक्रिया चल रही है, वह 1991 के प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट के खिलाफ है. अहमदी ने वकील ने मामले को जल्द सुनवाई के लिए लगाने का अनुरोध किया है. चीफ जस्टिस ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा कि वह फ़ाइल देखने के बाद उसे सुनवाई के लिए लगाएंगे.

 

निचली अदालत ने सर्वे रिपोर्ट 17 मई को पेश करने का आदेश दिया

 

चीफ जस्टिस ने यह साफ नहीं किया है कि अंजुमन इंतज़ामिया मस्ज़िद की याचिका को सुनवाई के लिए कब लगाया जाएगा. सोमवार, 16 मई को सुप्रीम कोर्ट में बुद्ध पूर्णिमा का अवकाश है. ऐसे में मामला 17 मई को सुनवाई के लिए लग सकता है. निचली अदालत ने सर्वे रिपोर्ट 17 मई को अपने सामने पेश करने का आदेश दिया है.