Gyanvapi Hate Speech Case: ज्ञानवापी केस में AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की हेट स्पीच को लेकर आज एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई होगी. इससे पहले, पिछली तारीख (6 दिसंबर) पर चौक थाने से कोर्ट में मामले से संबंधित रिपोर्ट पेश की गई थी. रिपोर्ट पेश होने के बाद सुनवाई की अगली तारीख 12 दिसंबर तय की गई थी.
बता दें कि तीनों नेताओं की तरफ से हिंदू आस्था को ठेस पहुंचाने वाली कथित बयानबाजी वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर और श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई के दौरान की गई थी. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि किसी भी पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख दिया जाए और एक झंडा गाड़ दिया जाए तो एक मंदिर बन जाता है. उन्होंने यह भी कहा था कि रात के अंधेरे मे मूर्तियां रख दी जाती हैं और सुबह भगवान प्रकट हो जाते हैं.
ओवैसी ने शिवलिंग को बताया था फव्वारा
वहीं, AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग को लेकर टिप्पणी की थी. उन्होंने कथित शिवलिंग को फव्वारा बताया था. ओवैसी ने मुस्लिमों से वहां जाकर नमाज पढ़ने और वजू करने की भी अपील की थी. वहीं, उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ने माता सीता, दुर्गा और लक्ष्मी पर विवादित टिप्पणियां की थीं. इसके खिलाफ वाराणसी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था.
क्या अखिलेश-ओवैसी के खिलाफ होगी FIR?
उल्लेखनीय है कि बीते मंगलवार यानी 6 दिसंबर को हुई सुनवाई में मामले के वादी और वकील हरिशंकर पांडे ने बताया कि कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 12 दिसंबर दी है. उन्हें उम्मीद है कि आज कोर्ट इस मामले में इन नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश चौक थाने को देगा.
ज्ञानवापी से जुड़े 6 और मामलों में होगी सुनवाई
आज ज्ञानवापी से जुड़े 6 और मामलों में सुनवाई होगी. सिविल जज सीनियर डिविजन अश्वनी कुमार की अदालत में ज्ञानवापी से जुड़े छह मामलों की सुनवाई होगी. इनमें पहला वाद लार्ड आदि विशेश्वर शीतला मंदिर महंत शिवप्रसाद पांडेय आदि का है. दूसरा वाद नंदी जी महाराज और सितेंद चौधरी, तीसरा वाद मां श्रृंगार गौरी और रंजना अग्निहोत्री आदि, चौथा वाद सत्यम त्रिपाठी आदि, पांचवां वाद मां गंगा और सुरेश और छठवां वाद अभिषेक शर्मा की तरफ से दाखिल किया है.
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