Gyanvapi Mosque Survey: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे करने के वाराणसी जिला कोर्ट के आदेश पर सोमवार (24 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई, जिसमें अदालत ने 26 जुलाई (बुधवार) शाम 5 बजे तक के लिए सर्वे पर रोक लगा दी. कोर्ट ने इस दौरान मस्जिद पक्ष को हाई कोर्ट में जाने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया कमेटी की याचिका पर ये आदेश दिया, लेकिन इससे पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक टीम करीब चार घंटे तक मस्जिद का सर्वे कर चुकी थी.
सर्वे कर रही एएसआई की टीम के साथ चार हिंदू महिला वादी, उनके वकील और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे. मस्जिद कमेटी ने सर्वे का बहिष्कार किया था. मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद सर्वे कर रही टीम ने अपना रोक दिया, लेकिन तब तक पांच घंटे सर्वे का काम हो चुका था.
सर्वे टीम में थे 43 सदस्य
सर्वे करने पहुंची एएसआई की टीम में कुल 43 सदस्य थे. इस दौरान जो अन्य लोग मौजूद थे, उनमें चार हिंदू पक्षकार रेखा पाठक, मंजू व्याास, सीता साहू और लक्ष्मी देवी के साथ उनके वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी और सुधीर त्रिपाठी मौजूद थे. इसके साथ ही शृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष वकील राजेश मिश्रा भी मौजूद थे.
एएसआई की टीम ने क्या-क्या किया?
एएसआई की टीम सुबह 7 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच मस्जिद परिसर में पहुंची. इसने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के बैरिकेड वाले क्षेत्र के कुछ हिस्सों को मापा, तस्वीरें खींची और वीडियो बनाया. सर्वे के दौरान टीम ने मिट्टी के नमूने भी लिए.
पीटीआई के अनुसार, सर्वे की कार्रवाई से बाहर निकलने के बाद हिन्दू पक्ष के एक अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया, "सर्वेक्षण की कार्रवाई लगभग चार घंटे चली. पहले पूरे परिसर का मुआयना और पैमाइश की गई. चार टीमों को चारों कोने पर लगाया गया था. सर्वे के दौरान चार कैमरे परिसर के चारों कोने पर लगाकर सारी गतिविधियों को रिकॉर्ड किया गया है. परिसर में लगे पत्थर और ईंटों का मुआयना किया गया." चतुर्वेदी ने दावा किया, "हमें यकीन है कि पूरा परिसर मंदिर का ही है और सर्वे का परिणाम हमारे पक्ष में ही आएगा."
वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने सोमवार को बताया कि उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण की कार्रवाई को 26 जुलाई शाम तक के लिए रोकने का निर्देश दिया है, जिसको देखते हुए सर्वेक्षण पर रोक लगा दी गई है.
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