Gyanvapi Masjid Case Hearing: ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर वाराणसी फास्ट-ट्रैक कोर्ट में संभावित फैसला फिलहाल के लिए टल गया है. सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रेक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडे के अवकाश पर होने के कारण मंगलवार (8 नवंबर) को आने वाला फैसला 14 नवंबर 2022 के लिए निर्धारित कर दिया गया है.


हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) परिसर में शिवलिंग पाए जाने का दावा किया था. डिवीजन फास्ट ट्रेक कोर्ट (Fast Track Court) को वादी की तीन मुख्य मांगों पर अपना फैसला सुनाना था, जिसमें स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की प्रार्थना की तत्काल शुरुआत की अनुमति, पूरे ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपना और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना शामिल है. कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को करेगी. 


कोर्ट ने वैज्ञानिक जांच की अनुमति देने से किया इनकार


पिछले महीने सुनवाई के दौरान, वाराणसी की अदालत ने कथित शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. हिंदू पक्ष ने उस संरचना की कार्बन डेटिंग की मांग की थी, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया था कि वह ज्ञानवापी मस्जिद के वजुखाना के अंदर पाया गया एक शिवलिंग है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने कहा कि जो ढांचा मिला वह एक फव्वारा था. हिंदू पक्ष ने तक 22 सिंतबर को वाराणसी जिला न्यायालय में एक आवेदन पेश किया था, जिसमें उन्होंने शिवलिंग होने का दावा करने वाली वस्तु की कार्बन डेटिंग की मांग की थी.


सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा हिंदू पक्ष


हिंदू पक्ष ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाए जाने का दावा करने वाले कथित शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच की अनुमति देने से इनकार करने वाले वाराणसी अदालत के फैसले को खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. हिंदू पक्ष ने 29 सितंबर की सुनवाई में भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण के शिवलिंग की वैज्ञानक जांच और अर्घा और उसके आसपास के इलाके की कार्बन डेटिंग की मांग की थी. 


वाराणसी की अदालत ने कहा कि एएसआई के सर्वेक्षण का आदेश देना उचित नहीं होगा और ऐसा आदेश देकर उक्त शिवलिंग की उम्र, प्रकृति और संरचना का पता चल जाता है, यहां तक कि यह भी संभावना नहीं है. ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु जैन ने कहा कि कोर्ट ने कार्बन डेटिंग की मांग को खारिज कर दिया है. हम इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और वहां इसे चुनौती देंगे. 


वाराणसी कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का किया जिक्र


वाराणसी कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 17 मई के आदेश का जिक्र करते हुए कहा था कि अगर सैंपल लेने से कथित शिवलिंग को नुकसान पहुंचता है, तो यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा. वाराणसी कोर्ट ने कहा था कि अगर शिवलिंग को नुकसान पहुंचता है तो आम जनता की धार्मिक भावनाएं भी आहत हो सकती है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई को ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा से जुड़े मामले को सिविल जज से वाराणसी के जिला जज को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था.


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