Varanasi Gyanvapi Case: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में अजय मिश्रा की तरफ से 6 और 7 मई को कोर्ट के आदेश पर जो सर्वे किया गया है, उसकी रिपोर्ट बुधवार की शाम को पूर्व कमिश्नर ने सौंप दी. दो पन्ने की इस रिपोर्ट में उन्होंने हिन्दू धर्म के प्रतीक और अवशेषों को मिलने का जिक्र किया तो वहीं उन्होंने कहा कि प्रशासन और मुस्लिम पक्ष से सहयोग नहीं मिल पाया.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ मिश्रा ने अपने सर्वे रिपोर्ट में हिंदू धर्म से जुड़े प्रतीक और मूर्तियाँ के अवशेष होने के सबूत मिले हैं. कोर्ट कमिश्नर के पद से हटाए गए अजय मिश्रा ने बुधवार की शाम को ही वाराणसी ज़िला अदालत में अपनी सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है. सिविल जज रवि दिवाकर ने सबसे पहले उन्हें ही कमिश्नर बनाया था. उनकी देखरेख में 6 और 7 मई को ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे हुआ था. मुस्लिम पक्ष ने उनका विरोध किया था. जिस कारण अजय मिश्रा के कोर्ट कमिश्नर रहते हुए सर्वे का काम ठीक से नहीं हो पाया था. तहख़ाना का ताला भी नहीं खुल पाया था.
अजय मिश्रा ने अपनी सर्वे रिपोर्ट खाता रंग के सीवरेज लिफ़ाफ़े में वाराणसी की अदालत को सौंप दी है. उनके समय में हुई वीडियोग्राफ़ी और फ़ोटोग्राफ़ी पहले से ट्रेज़री के लॉकर में रखी हुई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़, अजय मिश्रा ने अपने सर्वे रिपोर्ट में हिंदू धर्म से जुड़े प्रतीक और मूर्तियां के अवशेष होने के सबूत मिले हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने इस बात का भी ज़िक्र किया है कि मस्जिद के अंदर और भी बेहतर तरीक़े से सर्वे की ज़रूरत है.
अजय मिश्रा ने अपने सर्वे रिपोर्ट में ये भी बताया है कि वे जिस तरह से सर्वे करना चाहते थे वैसा नहीं हो पाया. 6 मई को उन्होंने दोपहर 3.30 बजे सर्वे का शुरू किया लेकिन शाम 5.45 तक वे काम कर पाए. इस दौरान भी जिस तरह का सहयोग वाराणसी ज़िला प्रशासन और मुस्लिम पक्ष से मिलना चाहिए था, नहीं मिला. अगले दिन यानी 7 मई को सर्वे का काम शुरू होने से पहले ही मस्जिद के बाहर मुसलमानों की भीड़ इकट्ठा हो गई. लोग नारेबाज़ी करने लगे और इस तरह सर्वे करने वाली टीम को मजबूरन जल्द ही काम ख़त्म करना पड़ा. अजय मिश्रा की पेपर बस दो पन्नों की है जो उन्होंने कल शाम जमा कर दी थी.