Gyanvapi Masjid Case Live: ज्ञानवापी मामले में SC का बड़ा आदेश, लोगों को नमाज से नहीं रोका जाए, शिवलिंग के दावे वाली जगह की हो सुरक्षा
Gyanvapi Masjid Case Live Updates: हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि मस्जिद परिसर में वजू के लिए बने तालाब में शिवलिंग बना हुआ है.
इसके बाद अहमदी ने कहा कि इस आदेश से जगह की स्थिति बदल जाएगी. वज़ू के बिना नमाज़ नहीं होती है. उस जगह का इस्तेमाल सदियों से हो रहा है. इसके बाद जस्टिस ने कहा कि हम गुरुवार को सुनवाई करेंगे. अभी हम उस जगह के संरक्षण का आदेश बरकरार रखेंगे. अगर कोई शिवलिंग मिला है तो उसका संरक्षण ज़रूरी है. लेकिन अभी नमाज़ नहीं रोकी जानी चाहिए. हम डीएम को इसका निर्देश देंगे.
कोर्ट के आदेश पर यूपी के लिए पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वज़ूखाने में शिवलिंग मिला है, जो हाथ-पैर धोने की जगह है. नमाज़ की जगह अलग होती है. इस बात की आशंका है कि शिवलिंग को नुकसान न पहुंचे. इसपर जज ने कहा कि हम सुरक्षा का आदेश देंगे. मेहता ने आगे कहा कि मैं पूरी जानकारी लेने के बाद कल जानकारी देना चाहता हूं. आपके आदेश का कोई अवांछित असर न पड़े, हम यह चाहते हैं.
एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को हिंदू पक्ष की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस हिस्से को सील करने का आदेश दिया था, जहां कथित तौर पर शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है. कोर्ट ने नमाजियों की संख्या भी सीमित कर दी थी.
जस्टिस ने कहा कि हम नोटिस जारी कर रहे हैं. हम निचली अदालत को निर्देश देना चाहते हैं कि जहां शिवलिंग मिला है, उस जगह को सुरक्षित रखा जाए. लेकिन लोगों को नमाज़ से न रोका जाए.
अहमदी ने यह भी कहा कि कमिटी की रिपोर्ट जमा हुए बिना और मुस्लिम पक्ष को सुने बिना निचली अदालत ने सीलिंग का आदेश दिया, यह गलत है. अभी बेंच के दोनों जज संभावित आदेश पर आपस मे चर्चा कर रहे हैं.
अहमदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट यह देखे कि क्या निचली अदालत में यह वाद चलना चाहिए था. इसपर जज ने कहा कि वादी के लिए निचली अदालत में कौन वकील है? यूपी के लिए पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हरिशंकर जैन पेश हुए थे. लेकिन मुझे बताया गया है कि वह बीमार हैं.
जस्टिस ने पूछा कि सीलिंग का आदेश कब का है? अहमदी ने कहा कि 16 मई का. पुलिस, प्रशासन को आदेश दिया गया है. नमाज़ियों की संख्या सीमित कर दी गई है. इसपर जज ने कहा कि आवेदन में काफी बातें मांगी गई. लेकिन कोर्ट ने बस सीलिंग का आदेश दिया. अहमदी ने कहा कि नमाज़ियों की संख्या भी सीमित हो गई. धार्मिक स्थल की स्थिति बदली जा रही है. इसपर फिर जज ने कहा कि हम आदेश देंगे कि आपने जो आवेदन दाखिल किया है. सिविल कोर्ट उसका जल्द निपटारा करे. फिर अहमदी ने कहा कि सिर्फ इतनी बात नहीं है. सिविल कोर्ट के सभी आदेशों पर रोक लगनी चाहिए. अयोध्या केस में SC कह चुका है कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट सभी धर्मस्थलों पर लागू है.
जस्टिस ने पूछा कि कमीशन ने कब काम किया? इसपर अहमदी ने कहा कि 14 और 15 मई को. उनको पता था कि SC सुनवाई करने वाला है, फिर भी उन्होंने अपनी कार्रवाई की. फिर कहा गया कि शिवलिंग मिला है. निचली अदालत से सीलिंग का आदेश पारित हो गया. कमीशन की तरफ से हुई कार्रवाई की गोपनीय रखी जानी चाहिए थी. लेकिन सार्वजनिक हो गई.
वाराणसी कोर्ट ने अजय कुमार मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर से हटा दिया है. बाकी दो कमिश्नर को सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 2 दिन की मोहलत दी गई है.
अहमदी ने कहा कि मां श्रृंगार गौरी, गणेश और दूसरे देवताओं के पूजा/दर्शन का अधिकार मांगा गया है. पूजा, आरती, भोग की मांग है. यह इस जगह की स्थिति को बदल देगा, जो कि अभी मस्ज़िद है. हमने कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति को चुनौती दी है, वह खारिज हो गई. कमिश्नर बदलने की मांग की, वह भी ठुकरा दी गई. कहा गया कि आप कमिश्नर नहीं चुन सकते. सिर्फ तथ्यों की जांच हो रही है.
अंजुमन इंतजामिया मस्ज़िद के वकील हुजेफा अहमदी ने कहा कि 3 बिंदु हैं. आदेश एक सिविल वाद में पारित किया गया है. यह 2021 में दाखिल हुआ था. इसमें की गई प्रार्थना को देखिए. इसपर जज ने कहा कि यह मालिकाना हक का केस नहीं है. सिर्फ पूजा का अधिकार मांगा गया है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही वाराणसी की अदालत से फैसला आने की उम्मीद है. बता दें कि सर्वे रिपोर्ट पेश करने को लेकर कोर्ट से समय की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के सर्वे के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन की याचिका पर सुनवाई चल रही है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच में सुनवाई हो रही है.
ज्ञानवापी मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थोड़ी देर में होगी. कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्ज़िद के वकील हुजेफा अहमदी को बुलाया है.
वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी सर्वे बढ़ाने की मांग पर शाम चार बजे फैसला सुनाया जाएगा. याचिका में दो दिन और सर्वे बढ़ाने का समय मांगा गया है. इसके साथ ही, वकील विष्णु शंकर ने कहा- नंदी के सामने वाले दरवाजा से तहखाना और पूर्वी द्वार पर कमीशन नहीं हो पाया. दरवाजे को खुलावाया जाए, 2019 में स्थापित किया ऐसा मुस्लिम पक्ष की ओर से नई बात कही गई है.
वाराणसी की ज्ञानवापी मामले में सुनवाई अब खत्म हो गई है. सभी पक्ष कोर्ट से बाहर आ रहे हैं. इस पर अब शाम करीब चार बजे कोर्ट की तरफ से फैसला सुनाया जाएगा.
वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर सुनवाई की जा रही है. हिन्दू पक्ष की तरफ से सर्वे बढ़ाने की मांग की गई है. सबसे पहले डीजीसी यूपी सरकार का पक्ष रख रहे हैं. मुस्लिम पक्ष कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जता रहा है. बिना आपत्ति के आदेश जारी करने पर एतराज जताया. वादी पक्ष सर्वे बढ़ाए जाने की मांग कर रहा है. सभी पक्षों की ओर से गरमा गरम बहस हो रही है.
वाराणसी कोर्ट में आज ज्ञानवापी केस से जुड़े तीन मामलों पर सुनवाई होगी. एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए कुछ दिनों की मोहलत मांगी है. वहीं मछली न मरे, नमाजी के ले वज्जू की इंतजाम हो और एक नए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग गई है. हिंदू पक्ष ने याचिका दायर किया है, जिसमें नंदी के सामने वाली मस्जिद की दीवार गिराने की अपील की गई है.
नई याचिका तीन महिलाओं सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक ने दायर की है. इस याचिका में मांग की गई है कि मस्ज़िद की पूर्वी दीवार को तोड़ा जाए जो नंदी के सामने है. मलबा हटा कर कल मिले शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई की नाप कराई जाए. इस पूरी प्रक्रिया के लिए कोर्ट एक और कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करे.
कांग्रेस नेता अजय माकन ने सवाल करते हुए पूछा, ऐसे समय पर ये सारी चीजें क्यों आ रही हैं? Wholesale Price Index सबसे ज़्यादा हो गया है, महंगाई बढ़ती जा रही. ये BJP की साजिश है देश का ध्यान भटकाना. उन्होंने आगे कहा कि, मामला सुप्रीम कोर्ट में है जो कोर्ट तय करेगा वो मानेंगे पर राम मंदिर के मामले में SC ने फैसला 1991 Paces of Worship Act के आधार पर लिया था. वो कहता है कि आज़ादी के समय Places of Worship जैसे थे वैसे ही रहेंगे तो अगर एक जगह आप उस आधार पर फैसला देते हैं तो दूसरे का फैसला भी वैसा हीं होना चाहिए.
वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकारण के स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है. उन्होंने ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए अदालत से दो दिन का समय मांगा है.
अजय प्रताप सिंह ने कहा, “हम आज (मंगलवार) अदालत में रिपोर्ट नहीं जमा कर रहे हैं, क्योंकि यह तैयार नहीं है. हम अदालत से दो-तीन दिन का अतिरिक्त समय मांगेंगे. अदालत जो भी समय देगी, हम उसमें रिपोर्ट पेश करेंगे.”
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य के लिए नियुक्त आयोग इससे जुड़ी रिपोर्ट पेश करने के लिए अदालत से दो-तीन दिन का अतिरिक्त समय मांगेगा. सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह ने जानकारी दी.
आज 2 बजे अदालत में 2 याचिका पर सुनवाई होगी. पहली एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह की अपील जिसमें आज के बदले कुछ दिनों बाद सर्वे रिपोर्ट पेश करने की है. दूसरी, शासकीय अधिवक्ता की अपील कि मछलियां न मेरे, नमाज़ी के लिए वजू की इंतज़ाम हो और अगर इसके लिए ज़रूरत हो तो एक और कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दें.
दिल्ली बीजेपी नेता कुलजीत सिंह चहल ने ट्वीट कर कहा, INC, SP, BSP, TMC, SS, NCP, DMK, AAP, RJD, TRS ज्ञानवापी पर क्यों चुप्पी साधे हुए हैं??
वाराणसी सिविल कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने के मामले में अब सुनवाई करीब 2 बजे होगी.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट परिषद के अध्यक्ष नागेंद्र पांडे ने कहा कि, पुराणों में स्पष्ट रूप से ज्ञानवापी मंदिर के बार में उल्लेख है. उन्होंने कहा कि, इस बात में कोई शक नहीं कि इस वक्त ज्ञानवापी मस्जिद हमारे शास्त्रों में वर्णित मंदिर परिसर का एक हिस्सा था.
जानवापी मस्जिद में सोमवार को सर्वे खत्म होने के बाद मस्जिद में शिवलिंग मिलने का दावा जोर शोर से किया जा रहा है. इस मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा, "सोमवार को जब वहां सर्वे हुआ, तो वहां जो वजू खाना है. उस वजू खाने के बीचों बीच हमने एक कुएं जैसी दिवार देखी. तब मैंने कमिश्नर से अपील की कि वजू खाने के पानी को कम कराया जाए. तो उन्होंने मेरी अपील को माना और वहां के पानी को कम कराया गया. जिसके बाद हम वजू खाने के उस दिवार पर पहुंचे. जिसके बाद हमने वहां देखा की काफी बड़ा शिवलिंग है."
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे को लेकर केन्द्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि अगर इतिहास की बात करना है तो बात निकली है तो दूर तलक जाएगी. बेरोजगारी, महंगाई, वगैरह के जिम्मेदार औरंगजेब ही हैं.. प्रधानमंत्री मोदी नहीं, औरंगजेब ही हैं. अगले ट्वीट में ओवैसी ने शिवलिंग होने के दावा पर सवाल खड़े किए. उन्होंने जारी एक वीडियो में पूछा है कि मस्जिद कमेटी ने बताया कि वो शिवलिंग नहीं, फव्वारा था. अगर शिवलिंग मिला था तो कोर्ट के कमिश्नर को ये बात बतानी चाहिए थी.
एक वकील ने एक और कोर्ट कमिश्नर की मांग की है. इसके अलावा, वजूखाने के तालाब की मछलियों को छोड़ने को भी मांग की गई है.
बैकग्राउंड
Gyanvapi Masjid Case Live Updates: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे के काम खत्म हो गया. सोमवार को सर्वे की टीम ने नंदी की मूर्ति के पास बने कुएं का भी सर्वे किया. इस बीच हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि मस्जिद परिसर में वजू के लिए बने तालाब में शिवलिंग बना हुआ है. इसके बाद कोर्ट ने तालाब के आसपास के इलाके को सील करने का आदेश दे दिया और इसके पास आने जाने पर रोक लगा दी. अब मस्जिद में सिर्फ 20 लोगों को नमाज पढ़ने की अनुमति मिली है. इस मामले पर मुस्लिम पक्ष के वकील रईस अहमद अंसारी ने कहा है कि हिंदू पक्ष के इस दावे में कोई दम नहीं है. जिस जगह शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है वहां सिर्फ एक फव्वारा है और कुछ नहीं.
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति के एक वकील ने सोमवार को कहा कि याचिकाकर्ताओं का 'शिवलिंग' के बारे में दावा भ्रामक है. उन्होंने कहा है कि वजूखाना में कोई शिवलिंग नहीं पाया गया है.
शिवलिंग नहीं फव्वारा है
रईस अहमद अंसारी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग नहीं फव्वारा मिला है. हिंदू पक्ष जिस जगह शिवलिंग मिलने का दावा कर रहे हैं वहां पर फव्वारा मिला है जो खराब है. ये एक भ्रामक दावा है. उन्होंने कहा कि वो कोर्ट के इस आदेश से संतुष्ट नहीं है जिसमें कोर्ट ने वजूखाने को सील करने का आदेश दिया है. उनका कहना है कि कोर्ट ने जल्दबाजी में आदेश दे दिया है. इस आदेश के खिलाफ हम चुनौती देंगे.
इस सर्वे को लेकर कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. एक तस्वीर वो भी है जिसमें वजू करने वाली जगह पर शिवलिंग होने का दावा किया जा रहा है और मुस्लिम पक्ष इन दावों को खारिज कर रहा है.
बात निकली है तो दूर तक जाएगी
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे को लेकर केन्द्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि अगर इतिहास की बात करना है तो बात निकली है तो दूर तलक जाएगी. बेरोजगारी, महंगाई, वगैरह के जिम्मेदार औरंगजेब ही हैं.. प्रधानमंत्री मोदी नहीं, औरंगजेब ही हैं. अगले ट्वीट में ओवैसी ने शिवलिंग होने के दावा पर सवाल खड़े किए. उन्होंने जारी एक वीडियो में पूछा है कि मस्जिद कमेटी ने बताया कि वो शिवलिंग नहीं, फव्वारा था. अगर शिवलिंग मिला था तो कोर्ट के कमिश्नर को ये बात बतानी चाहिए थी. ओवैसी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद, मस्जिद थी और जब तक अल्लाह दुनिया को कायम रखेगा, वह मस्जिद ही रहेगी.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -