Gyanvapi Masjid Verdict Highlights: ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को झटका, कोर्ट ने माना मुकदमा सुनने लायक, 22 सितंबर को अगली सुनवाई
Gyanvapi Masjid Cases Verdict Highlights: ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले पर वाराणसी की जिला अदालत ने कहा कि केस सुनने लायक है. जानिए मामले से जुड़ी हर अपडेट.
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Varanasi Gyanvapi Case: वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़े मामले में आज अहम फैसला आ सकता है. आज वाराणसी जिला कोर्ट में इस केस को लेकर सुनवाई होनी है. वाराणसी की जिला अदालत में दाखिल किए गए मुकदमे को लेकर सुनवाई होगी. फैसला इस पर सुनाया जाएगा कि ये मामला सुनने योग्य है कि नहीं.
आज जो फैसला सुनाया जाना है वह ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन की मांग को लेकर वाराणसी के जिला जज ए के विश्वेश की अदालत में चल रहे मुकदमे की पोषणीयता (सुनवाई योग्य है या नहीं) पर होगा. 24 अगस्त को अदालत ने फैसला आज के लिए सुरक्षित रख लिया था. मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील शमीम अहमद ने अदालत को बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ की संपत्ति है, इसलिए अदालत को इस मामले की सुनवाई का अधिकार नहीं है.
ज्ञानवापी विवाद में हिंदू पक्ष की मांग
इधर हिंदू पक्ष की मांग है कि पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए और भगवान विश्वेश्वर की नियमित पूजा के इंतजाम हों. हिंदू पक्ष ने ये भी मांग की है कि ज्ञानवापी में मुसलमानों की एंट्री बंद होनी चाहिए और मस्जिद के गुंबद को ध्वस्त करने का आदेश दिया जाना चाहिए.
हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि उन्होंने अपनी दलील में कहा है कि ज्ञानवापी कहीं से मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर का ही हिस्सा है इसलिए इस मामले में 1991 का उपासना स्थरल अधिनियम किसी भी तरह से लागू नहीं होता. ये भी दावा किया कि मुस्लिम पक्ष के वकील ने ज्ञानवापी को वक्फ की संपत्ति बताते हुए जो दस्तावेज प्रस्तुत किया है वह असल में बिंदु माधव का धरहरा स्थित आलमगीर मस्जिद का दस्तावेज है. उनके अनुसार यह मस्जिद ज्ञानवापी से दूर स्थित है. उन्होंने अदालत को बताया है कि औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त कर मस्जिद का निर्माण कराया था. उनके मुताबिक ऐसा उसने सिर्फ हिंदुओं का मान मर्दन के लिए कराया था.वहीं इस मामले में कोर्ट के अहम फैसले के बाद माहौल खराब न होने पाए इसके लिए नगर में धारा 144 लगा दी गई है.
कोर्ट के फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा?
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील होनी चाहिए. मुझे उम्मीद है कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी इस आदेश के खिलाफ अपील करेगी. मेरा मानना है कि इस आदेश के बाद पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उद्देश्य विफल हो जाएगा.
यूपी के डिप्टी सीएम ने जताई खुशी
यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि न्यायालय ने बहुत अच्छा निर्णय दिया है. लोगों की भावनाओं के अनुरूप निर्णय है इसीलिए प्रदेशभर में खुशी की लहर है. यह उनका अधिकार है (उच्च न्यायालय में आदेश को चुनौती देना), लेकिन हम फैसले का सम्मान करेंगे और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को मजबूत करेंगे.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हम फैसले का सम्मान करते हैं, हम ज्ञानवापी का भी सम्मान करते हैं. अगली सुनवाई में भी हमें कानून पर भरोसा है. हम कानून का सम्मान करते हैं और कानून के साथ हैं.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने किया आदेश का स्वागत
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैं ज्ञानवापी मामले में मुकदमे की सुनवाई के संबंध में वाराणसी कोर्ट के आदेश का स्वागत करता हूं. यह हिंदुओं की बहुत बड़ी जीत है.
I welcome the order of Varanasi Court regarding the maintainability of suit in #Gyanvapi matter.
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) September 12, 2022
This is a huge victory for Hindus. https://t.co/eBhNG5CuoB
हिंदू पक्ष की याचिकाकर्ता ने मनाया जश्न
यूपी: हिंदू पक्ष की याचिकाकर्ता मंजू व्यास ने कहा कि भारत आज खुश है, मेरे हिंदू भाइयों और बहनों को जश्न मनाने के लिए दीया जलाना चाहिए. वह डांस करके ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी फैसले का जश्न मना रहे हैं.
#WATCH | Varanasi, UP: "Bharat is happy today, my Hindu brothers & sisters should light diyas to celebrate," says petitioner from Hindu side Manju Vyas as she dances & celebrates the Gyanvapi Shringar Gauri verdict pic.twitter.com/hO7frpErNF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 12, 2022