Gyanvapi Masjid Verdict Highlights: ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को झटका, कोर्ट ने माना मुकदमा सुनने लायक, 22 सितंबर को अगली सुनवाई

Gyanvapi Masjid Cases Verdict Highlights: ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले पर वाराणसी की जिला अदालत ने कहा कि केस सुनने लायक है. जानिए मामले से जुड़ी हर अपडेट.

ABP Live Last Updated: 12 Sep 2022 05:32 PM
कोर्ट के फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा?

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील होनी चाहिए. मुझे उम्मीद है कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी इस आदेश के खिलाफ अपील करेगी. मेरा मानना है कि इस आदेश के बाद पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उद्देश्य विफल हो जाएगा.

यूपी के डिप्टी सीएम ने जताई खुशी

यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि न्यायालय ने बहुत अच्छा निर्णय दिया है. लोगों की भावनाओं के अनुरूप निर्णय है इसीलिए प्रदेशभर में खुशी की लहर है. यह उनका अधिकार है (उच्च न्यायालय में आदेश को चुनौती देना), लेकिन हम फैसले का सम्मान करेंगे और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को मजबूत करेंगे.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने क्या कहा?

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हम फैसले का सम्मान करते हैं, हम ज्ञानवापी का भी सम्मान करते हैं. अगली सुनवाई में भी हमें कानून पर भरोसा है. हम कानून का सम्मान करते हैं और कानून के साथ हैं. 

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने किया आदेश का स्वागत

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैं ज्ञानवापी मामले में मुकदमे की सुनवाई के संबंध में वाराणसी कोर्ट के आदेश का स्वागत करता हूं. यह हिंदुओं की बहुत बड़ी जीत है. 





हिंदू पक्ष की याचिकाकर्ता ने मनाया जश्न

यूपी: हिंदू पक्ष की याचिकाकर्ता मंजू व्यास ने कहा कि भारत आज खुश है, मेरे हिंदू भाइयों और बहनों को जश्न मनाने के लिए दीया जलाना चाहिए. वह डांस करके ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी फैसले का जश्न मना रहे हैं. 





मुस्लिम पक्ष जाएगा हाई कोर्ट

जिला कोर्ट के फैसले के बाद अब मुस्लिम पक्ष ने साफ कर दिया है कि वो हाई कोर्ट जाएगा. 


लोग शांति बनाए रखें- याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा कि, "यह हिंदू समुदाय की जीत है. कोर्ट अगली सुनवाई 22 सितंबर को करेगा. उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है."





कोर्ट के फैसले पर हिंदुओं में दिखी खुशी, जश्न का माहौल

कोर्ट का हिंदू पक्ष में फैसला सुनाने के बाद इलाके में खुशी की लहर दोड़ उठी है. हिंदू लोगों का कहना है कि, आज का दिन एतिहासिक साबित हुआ. इसका बहुत समय से इंतजार था. 

ज्ञानवापी मामले पर आया फैसला- 'केस सुनने लायक'

कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले पर फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की दलील को खारिज कर दिया है. कोर्ट इस मामले की सुनवाई करगी. कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी. 





जज ने फैसला पढ़ना शुरू किया

कोर्ट में जज एके विश्वेश ने फैसला पढ़ना शुरू कर दिया है और अब से कुछ ही मिनटों में फैसला सामने आ जाएगा कि ये मामला सुनने योग्य है कि नहीं.


40 लोगों को कोर्ट में मिली एंट्री, किसी भी पल आ सकता है फैसला

वाराणसी जिला कोर्ट में किसी भी वक्त फैसला आ सकता है. सभी पक्षकार और वकील कोर्ट रूम में मौजूद है. बताया जा रहा है करीब 40 लोगों को अब तक एंट्री दी गई है.

वाराणसी कोर्ट जा रही याचिका दायर करने वाली महिलाएं

काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की बाहरी दीवार पर मां श्रृंगार गौरी की पूजा के अधिकार की मांग को लेकर याचिका दायर करने वाली हिंदू महिलाएं फैसले से पहले वाराणसी कोर्ट जा रही हैं.





हनुमान मंदिर दर्शन करने पहुंचा हिंदु पक्ष

ज्ञानवापी मस्जिद पर सुनवाई से पहले हिंदू पक्ष के लोग हनुमान मंदिर में दर्शन करने पहुंचे हैं. लोगों का कहना है कि, "फैसला हमारे पक्ष में ही आएगा. हम यहां भगवान से आर्शीवाद लेने आए है. बता दें, चारो ओर हिंदु पक्ष के लोगों में खास उत्साह देखने को मिला. महिलाओं का कहना है कि आज हमारी असल जीत होगी."


संवेदनशील इलाकों में अलर्ट जारी किया- एडीजी

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने सुनवाई को लेकर कहा कि, 'इस मामले में फैसला आने से पहले सभी संवेदनशील इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. पेट्रोलिंग की जा रही है, शांति सुनिश्चित की जा रही है. धार्मिक प्रमुखों ने बयान जारी कर शांति बनाए रखने की मांग की है.'





हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे- याचिकाकर्ता मंजू व्यास

ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर याचिकाकर्ता मंजू व्यास ने कहा कि, 'हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा. हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे. जरूरत पड़ी तो हम हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.'





ज्ञानवापी मामले में सुनवाई से पहले लखनऊ पुलिस का फ्लैग मार्च

ज्ञानवापी मामले में फैसला आने से पहले पुलिस ने लखनऊ में फ्लैग मार्च निकाला है. अब से कुछ देर में ज्ञानवापी मामले पर एक अहम फैसला आने वाला है. लखनऊ के पुलिस आयुक्त एसबी शिराडकर ने कहा, 'हमने लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए फ्लैग मार्च किया.'





जिला जज एके विश्वेश सुनाएंगे फैसला

ज्ञानवापी मामले में जिला जज एके विश्वेश 2 बजे फैसला सुनाएंगे. यानि के, अब से करीब 1.30 घंटे का और समय और जिला जज ये साफ कर देंगे कि ये मामला सुनने योग्य है कि नहीं. 

मुस्लिम पक्ष के वकील बोले...

मुस्लिम पक्ष के वकील का कहना है कि, हमने सारी बातें कानून के तहत, लॉ के तहत कोर्ट के सामने रखी हैं. अगर फैसला हमारे पक्ष में नहीं आता तो भी हम हार नहीं मानेंगे और आगे देखेंगे कि क्या कुछ किया जा सकता है.



ज्ञानवापी मस्जिद के पास जानें क्या है माहौल

एबीपी न्यूज़ की टीम इस मौके पर ज्ञानवापी मस्जिद के बाहर से पल-पल की जानकारी दे रही है. वहीं, सामने आयी तस्वीरों में मस्जिद के पास भक्त एकजुट हुए. कुछ लोगों ने एबीपी न्यूज़ की टीम से बात करते हुए कहा कि, ये मामला बिल्कुल सुनने योग्य है और जल्द से जल्द इस पूरे मामले पर आखिरी निर्णय भी लिया जाना चाहिए. हिन्दु पक्ष का कहना है कि, उन्हें पूरी उम्मीद है फैसला उनके हक में आएगा तो वहीं, मुस्लिम पक्ष अपना तर्क रख कर इस पर सुनवाई नहीं किए जाने की बात कर रहे हैं. 


हिन्दू पक्ष के वकील बोले...

ज्ञानवापी विवाद में आज बड़ा दिन माना जा सकता है. आज अदालत इस पर फैसला सुनाएगी कि ये मामले सुनने योग्य है कि नहीं. ताजा जानकारी के मुताबिक, जिला जज कोर्ट पहुंच चुके हैं. वहीं, हिन्दू पक्ष के वकील का कहना है कि, अगर फैसला हमारे पक्ष में नहीं आया तो हम हाई कोर्ट का रुख करेंगे. 

हिंदू पक्ष-मुस्लिम पक्ष का मानना है...

ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर आज कोर्ट का फैसला आएगा. एक ओर हिंदू पक्ष को अपने पक्ष में फैसला आने की उम्मीद है. वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि फैसला उनके पक्ष में आ सकता है. 

1991 का उपासना अधिनियम हमारे पक्ष में है- वकील विष्णु शंकर जैन

वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि 1991 का उपासना अधिनियम हमारे पक्ष में है क्योंकि हमारा कहना है कि 15 अगस्त 1947 को इस जगह का धार्मिक स्वरूप एक हिंदू मंदिर का था और मुझे लगता है कि अगर आने वाले समय में ये आवेदन अस्वीकार होती है तो धार्मिक स्वरूप को तय करने की कवायद और आगे बढ़ेगी.

आज का दिन काफी महत्वपू्र्ण- हिंदू पक्ष के वकील

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज के फैसले में पता चल जाएगा कि आध्यात्मिक और ऐतिहासिक बुक दिखाई जाएंगी की नहीं? इसलिए आज का दिन महत्वपू्र्ण है क्योंकि हमारे बहस को अगर कोर्ट मानकर मस्जिद कमेटी के आवेदन को अस्वीकार करती है तो इसका प्रभाव ये होगा कि ये केस आगे बढ़ेगा.

बैकग्राउंड

Varanasi Gyanvapi Case: वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़े मामले में आज अहम फैसला आ सकता है. आज वाराणसी जिला कोर्ट में इस केस को लेकर सुनवाई होनी है. वाराणसी की जिला अदालत में दाखिल किए गए मुकदमे को लेकर सुनवाई होगी. फैसला इस पर सुनाया जाएगा कि ये मामला सुनने योग्य है कि नहीं. 


आज जो फैसला सुनाया जाना है वह ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन की मांग को लेकर वाराणसी के जिला जज ए के विश्वेश की अदालत में चल रहे मुकदमे की पोषणीयता (सुनवाई योग्य है या नहीं) पर होगा. 24 अगस्त को अदालत ने फैसला आज के लिए सुरक्षित रख लिया था. मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील शमीम अहमद ने अदालत को बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ की संपत्ति है, इसलिए अदालत को इस मामले की सुनवाई का अधिकार नहीं है.


ज्ञानवापी विवाद में हिंदू पक्ष की मांग
इधर हिंदू पक्ष की मांग है कि पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए और भगवान विश्वेश्वर की नियमित पूजा के इंतजाम हों. हिंदू पक्ष ने ये भी मांग की है कि ज्ञानवापी में मुसलमानों की एंट्री बंद होनी चाहिए और मस्जिद के गुंबद को ध्वस्त करने का आदेश दिया जाना चाहिए.


हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि उन्होंने अपनी दलील में कहा है कि ज्ञानवापी कहीं से मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर का ही हिस्सा है इसलिए इस मामले में 1991 का उपासना स्थरल अधिनियम किसी भी तरह से लागू नहीं होता. ये भी दावा किया कि मुस्लिम पक्ष के वकील ने ज्ञानवापी को वक्फ की संपत्ति बताते हुए जो दस्तावेज प्रस्तुत किया है वह असल में बिंदु माधव का धरहरा स्थित आलमगीर मस्जिद का दस्तावेज है. उनके अनुसार यह मस्जिद ज्ञानवापी से दूर स्थित है. उन्होंने अदालत को बताया है कि औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त कर मस्जिद का निर्माण कराया था. उनके मुताबिक ऐसा उसने सिर्फ हिंदुओं का मान मर्दन के लिए कराया था.वहीं इस मामले में कोर्ट के अहम फैसले के बाद माहौल खराब न होने पाए इसके लिए नगर में धारा 144 लगा दी गई है. 

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