Videographer On Gyanwapi Mosque: उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी में काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले (Gyanvapi Mosque Case) में स्थानीय अदालत गुरुवार को फैसला सुनाएगी. मिली जानकारी के अनुसार ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई बुधवार शाम पूरी होने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया. बताया गया कि गुरुवार को दोपहर 12 बजे फैसला सुनाया जाएगा. इसी बीच एबीपी न्यूज ने ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे करने वाले वीडियोग्राफर विभाष दुबे (Vibhash Dubey) से खास बातचीत की जिसमें उन्होंने मस्जिद को लेकर कई दावें किए. वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर में सर्वे को दौरान वीडियोग्राफी करने वाले विभाष दुबे ने कई चौकाने वाले दावे किए हैं.
विभाष दूबे ने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद की दीवार पर मंदरों की तरह नक्काशी की गई है. इसके अलावा विभाष दुबे ने ये भी दावा किया कि मस्जिद की दीवार पर कमल और स्वास्तिक बने हुए हैं. विभाष दुबे ने दावा किया कि मस्जिद के भीतर जिस प्रकार की कलाकृतियां दिख रही थी उन्हें देखकर ऐसा लग रह था कि वो हिंदू धर्म से संबंधित हैं.
वीडियोग्राफर विभाष दुबे ने दावा किया कि मस्जिद के भीतर शिलापट्ट पर हिंदू धर्म की भांति ही फूल और पत्तियों की नक्काशी की गई थी. जिन्हें देखकर समझ में आ रहा था कि ये सभी हिंदू धर्म से संबंधित हैं. विभाष दुबे ने इस बात का भी दावा किया कि मस्जिद के अंदर का हिस्सा देखकर साफ पता चलता है कि पहले मंदिर को गिराया गया फिर उसके ऊपर ही मस्जिद का निर्माण किया गया. विभाष दुबे ने बताया कि सर्वे का काम मस्जिद की पश्चिमी और उत्तरी दीवार से शुरू किया गया था. जिनपर ये सभी कलाकृतियां देखने को मिली है. विभाष के मुताबिक, मस्जिद के अंदर के एक हिस्से पर सरकार का कब्जा है जहां पर किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है.
विभाष दुबे ने दावा किया कि जब तक मस्जिद के बाहरी हिस्से का सर्वे और वीडियोग्राफी की जा रही थी वहां शांति बनी हुई थी. लेकिन जैसी ही सर्वे की टीम ने मस्जिद के भीतरी हिस्से की वीडियोग्राफी करनी चाही उनका विरोध किया जाने लगा. विभाष के मुताबिक, मस्जिद के दरवाजे के भीतर भारी संख्या में लोग मौजूद थे जो सर्वे टीम का विरोध कर रहे थे.
वीडियोग्राफर विभाष दुबे ने कहा कि मस्जिद के उत्तर और पश्चिम से सर्वे का काम शुरू हुआ था. उन्होंने खरोंच कर हटाने वाली बात को गलत ठहराया. विभाष दुबे ने कहा कि साफ रिकॉर्ड करने के लिए धूल हटाई गई थी. दरअसल, श्रृंगार गौरी के शिलाभाग के नीचे वाले हिस्से में कुछ चीज थी नीचे झांक कर देखा, कमल बना हुआ था.
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