Gyanvapi Masjid News: वाराणसी की चर्चित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में आज फिर सर्वे का काम होगा. कल वहां पहुंची टीम को विरोध का सामना करना पड़ा था. दरअसल हिंदू पक्ष के वकील का दावा है कि मस्जिद परिसर में हिंदू देवी-देवताओं के प्रतीक चिह्न मिले हैं.
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में कल जिस वक्त और जिस अंदाज में सर्वे हुआ वो सिलसिला आज भी उसी तरह जारी रहेगा. लेकिन आज अलग ये होगा कि ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित क्षेत्र में वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की जाएगी. वहीं 27 सदस्यीय सर्वे टीम आज परिसर में बैरेकेडिंग के अंदर जाकर सर्वे करेगी.
शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में बाहर के इलाकों का सर्वे हुआ. सर्वे की सभी रिपोर्ट, वीडियोग्राफी और सबूत जिला कोषाकार में रखे जाएंगे. हिंदू पक्ष के वकील का दावा है कि शुक्रवार को हुए सर्वे में मस्जिद परिसर में भारी मात्रा में हिंदू देवी-देवताओं के चिह्न मिले हैं.
हिंदू पक्ष का वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कल हम बैरेकेडिंग के अंदर जाएंगे. आज भारी मात्रा में हिंदू देवी-देवताओं के चिन्ह मिले हैं. विवादित स्थल पर कल जाएंगे. आज हम लोग सूर्यास्त होने की वजह से नहीं जा पाए. 26/4 का ऑर्डर कहता है कि हम बैरेकेडिंग के अंदर जाएं और हम कल 3 बजे बैरेकेडिंग के अंदर जाएंगे.
इससे पहले शुक्रवार को सर्वे और वीडियोग्राफी का काम भारी तनाव के बीच हुआ. मुस्लिम पक्ष इस सर्वे के शुरू से ही खिलाफ रहे हैं.सर्वे टीम जब मस्जिद के करीब पहुंची तो मौके पर जमकर नारेबाजी भी हुई, हालांकि कड़े इंतजाम के कारण हालात काबू में रहे और सर्वे टीम ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हो गई.
कोर्ट के फैसले के बाद हो रहा है सर्वे
बता दें कि यह सर्वे वाराणसी की सिविल कोर्ट के फैसले के बाद हो रहा है. इस टीम को 10 मई से पहले अदालत में अपनी रिपोर्ट जमा करनी है. ये सर्वे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद की दीवार से सटे श्रृंगार गौरी मंदिर से जुड़े विवाद को लेकर है. पांच महिलाओं ने मिलकर कोर्ट में याचिका लगाई कि वो मां श्रृंगार गौरी की आराधना नियमित रूप से करना चाहती हैं.
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर जो विवाद छिड़ा है, और पक्ष विपक्ष की ओर से जो दावे किए जा रहे हैं, उसमें भ्रम ज्यादा और सच्चाई कम है, इसलिए अब हम आपको जो बताने जा रहे हैं उसे बहुत ध्यान से समझिए ताकि भ्रम दूर हो, जो इस मुद्दे पर फैले तनाव को भी कम करेगा.
विवाद की जड़ क्या है
दरअसल श्रृंगार गौरी मंदिर आज की तारीख में सिर्फ दीवार पर है. इस मंदिर परिसर का ज्यादातर हिस्सा मस्जिद परिसर में आता है. पहले श्रृंगार गौरी की परिक्रमा होती थी और परिक्रमा के दौरान श्रद्धालु मस्जिद परिसर में दाखिल होते थे. बाद में सुरक्षा का हवाला देकर परिक्रमा बंद कर दी गई.
सुरक्षा के कारण ही रोज होने वाली पूजा भी बंद की गई. इसके बाद पूजा साल में एक बार होने की व्यवस्था हुई. हांलाकि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद श्रृंगार गौरी की पूजा अब फिर से रोज होने लगी है. लेकिन परिक्रमा अब भी नहीं होती है. बस यही है विवाद की जड़, पांच महिलाओं श्रृंगार गौरी की पूजा अर्चना पूरे विधि विधान से करने की मांग लेकर अदालत पहुंचीं.
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