Gyanvapi Masjid Row: उत्तर प्रदेश के देवबंद में बीते दिन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दो दिवसीय का जलसा आयोजित किया था जिसका आज दूसरा दिन है. सम्मेलन के पहले दिन देश भर से शामिल हुए मुस्लमानों ने मुद्दों को लेकर विभिन्न प्रस्ताव रखे जिन पर चर्चा की गई. वहीं, आज होने वाली बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा. 


दरअसल, बीते दिन जमीयत-उलमा-ए-हिंद की देवबंद में विशाल सभा आयोजित हुई. इस मौके पर जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने लोगों को संबोधित किया. इस दौरान वो भावुक भी हो गए और उन्होंने कहा कि मुसलमानों का चलना तक मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा कि, हमें हमारे ही देश में अजनबी बना दिया गया है. लेकिन जो एक्शन प्लान वो लोग तैयार कर रहे हैं, उस पर हमें नहीं चलना है. उन्होंने कहा कि हम आग को आग से नहीं बुझा सकते हैं. नफरत को प्यार से हराना होगा. 


जमीयत-उलेमा-हिंद के दोनों गुट एक हो जाएंगे- मौलाना अरशद मदनी


वहीं, देर शाम आठ बजे दोबार दूसरी बैठक हुई. इस बैठक में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख और दारुल उलूम देवबंद सदर उल मुदर्रिसीन मौलाना सैयद अरशद मदनी शामिल हुए. इस दौरान पंडाल में पहुंचने पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष व पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी ने मौलाना अरशद मदनी का भव्य स्वागत किया. मौलाना सैयद अरशद मदनी ने संबोधित करते हुए कहा कि, "अल्लाह करे ये इजलास जमीयत उलमा-हिंद को एक करने का सबब बन जाए."


उन्होंने कहा कि, मुसलमानों के दिलों की आवाज से हमें यकीन है कि वह दिन दूर नहीं है जब जमीयत-उलेमा-हिंद के दोनों गुट एक हो जाएंगे. उन्होंने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के बुजुर्गों की जिंदगी के मकसद पर रोशनी डाली और कहा कि दोनों समाझौतों का एक ही मकसद है. आने वाले दिन आप लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी होगी और हमें उम्मीद है कि जमीयत उलमा हिंद एक प्लेटफार्म से हालात का मुकाबला करेगी. उन्होंने आगे कहा कि, हमारे उलेमा ने देश की आजादी से लेकर बाबरी मस्जिद जैसे मुद्दों के लिए बड़ी कुर्बानियां दी हैं और कानूनी और संवैधानिक लड़ाई लड़ी है. हमारे बुजुर्ग कभी सड़कों पर नहीं उतरे लेकिन उन्होंने देश के संवैधानिक तरीकों से लड़ाई लड़ी है. हमें भी उसी तरीके से हालात का मुकाबला करना है अगर ऐसा ना हुआ तो हम नाकाम हो जाएंगे.


यह देश हमारा है- मौलाना अरशद मदनी


मौलाना अरशद मदनी ने आगे कहा कि, हम कही बाहर से नहीं आए हैं बल्कि यह देश हमारा है और हम यही के ही हैं. उन्होंने कहा कि यह बदकिस्मती है कि देश का बहुसंख्यक समाज नफरत का शिकार हो गया है और सत्ता में बैठे लोग धर्म के नाम पर देश के लोगों को नफरतों में बांट रहे हैं. उन्होंने इशारों में सरकार पर हमला बोला और कहा कि देश के हालात बिगड़ रहे हैं लेकिन सत्ता में बैठे लोगों की जुबान बंद है. हमें धर्म से ऊपर उठ कर इस्लाम धर्म के इंसानियत के संदेश को आगे बढ़ाना है अगर हम ऐसा करेंगे तो इंशाल्लाह हालात जरूर बदलेंगे.


मौलाना मदनी ने कहा कि हमें बहुसंख्यक समाज के लोगों से नजदीकियां बढ़ानी चाहिए और प्यार मोहब्बत के साथ हालात का मुकाबला करते हुए उन्हें अपने मदरसों और अपने स्कूलों के शिक्षा के निजाम के बारे में समझाना चाहिए.
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों की चाहते हैं कि धर्म के नाम पर लोग सड़कों पर आएं और एक-दूसरे से भिड़े, अगर मुसलमान हालात को नहीं समझते हैं और सड़कों पर निकलते हैं तो वह भी सप्रदायिक ताकतों को मजबूत करने वाले होंगे.


हुसंख्यक समाज के लोगों से नजदीकियां बढ़ानी चाहिए-मौलाना अरशद मदनी


मौलाना मदनी ने अंत में अपनी बात को खत्म करते हुए कहा कि, हमें बहुसंख्यक समाज के लोगों से नजदीकियां बढ़ानी चाहिए और प्यार मोहब्बत के साथ हालात का मुकाबला करते हुए उन्हें अपने मदरसों और अपने स्कूलों के शिक्षा के निजाम के बारे में समझाना चाहिए. मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों की चाहते हैं कि धर्म के नाम पर लोग सड़कों पर आएं और एक-दूसरे से भिड़े, अगर मुसलमान हालात को नहीं समझते हैं और सड़कों पर निकलते हैं तो वह भी साप्रंदायिक ताकतों को मजबूत करने वाले होंगे.


बता दें, बीते दिन जिन प्रस्तावों को रखा गया उनमें वक्फ संपत्तियों, अल्पसंख्यकों की शिक्षा एवं अधिकारों और पर्यावरण संरक्षण, पानी की बर्बादी और पोधा रोपन थे जिन पर चर्चा की गई. आज इन पर एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा. 


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