Masjid Survey: आज सुबह 8 बजे से वाराणसी के ज्ञानवापी में फिर सर्वे का काम शुरू हो गया है. अदालत के तय समय के मुताबिक ये सर्वे दोपहर 12 बजे तक चलेगा. ये सर्वे जब तक पूरा नहीं हो जाता तबतक जारी रहेगा. इसकी रिपोर्ट 17 मई को अदालत के सामने पेश की जाएगी. बताया जा रहा है कि सर्वे टीम मस्जिद के अंदर दाखिल हो सकती है. तो सर्वे आठ बजे शुरू होगा लेकिन उससे पहले ABP न्यूज रिपोर्टर मस्जिद के उस इलाके में पहुंचे, जहां जाने से सर्वे टीम को रोक दिया गया, हमारे संवाददाता मोहम्मद मोईन ने मस्जिद के अंदरूनी इलाके में क्या-क्या देखा. बताते हैं इस रिपोर्ट में.


जिन तहखानों की सबसे ज्यादा चर्चा वो सालों से बंद


हमारे संवाददाता मोहम्मद मोईन जुमे की नमाज के लिए ज्ञानवापी मस्जिद में गेट नंबर 4 से दाखिल हुए, जिससे करीब 1500 लोगों नमाज अदा करने पहुंचे थे. गेट से दाखिल होने के बाद बाईं तरफ कुछ ही कदम चलने पर सबसे पहले मस्जिद की दीवार से जुड़ा एक हिस्सा दिखता है, जो टूटे फूटे पिलर नजर आते हैं, जिनपर कलाकृतियां बनी हुई है, हिंदू पक्ष के दावे में इस हिस्सा को मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने के सबूत के तौर पर पेश किया गया है. इस हिस्से के आगे बढ़ने के बाद करीब 50 मीटर दूर मस्जिद का गेट आ जाता है. मस्जिद परिसर को जमीन की सतह से 5 से 6 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है. मस्दिद में तहखाने की बात की जाए तो इमें कई दरवाजे भी नजर आए हैं. कुछ जगह पर लोहे के दरवाजे थे तो कुछ जगह पर लकड़ी के दरवाजे लगे हुए थे. सबसे बड़ी बात...सभी दरवाजों पर लोहे की जंजीर बंधी हुई थी और इन जंजीरों पर ताला लगा हुआ था. इन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि वर्षों से इन दरवाजों को खोला नहीं गया है.


गुंबद के नीचे हैं मस्जिद का गर्भ गृह


मस्जिद में प्रवेश करने के बाद एक गुंबद दिखाई देता है जिसके ठीक नीचे गर्भ गृह है. गर्भगह में ही लोगों ने नमाज अदा की. गर्भ गृह का हिस्सा मुगलकालीन पत्थरों से बना हुआ है. इसकी छतों पर खूबसूरत नक्कासी की गई है. इन छतों की ऊंचाई 30 फीट ऊंची है. इसके बाद बरामदा दिखता है. और बरामदे के बीचोंबीच एक बड़ा सा गेट दिखाई देता है. फिर यहां एक आंगन भी है जहां पर वजूखाना है और यहां नमाज पढ़ने से पहले वजू किया जाता है. वजूखाने के पास ही एक तालाब भी है.


पिलर में मिली ऐसी निशानियां जो देती हैं विवाद को जन्म


मस्जिद के गेट नंबर 4 से के पास पिलर बने हुए हैं जहां पर कुछ ऐसी निशानियां हैं जो विवाद को जन्म देती हैं. हालांकि इस दौरान पिलर को छोड़ दें तो ऐसा कुछ नहीं मिला जो विवाद को जन्म देते हैं. अभी तक जितने हिस्से की बात हुई है वो आम लोगों के लिए है. जहां लोग आसानी से आ जा सकते हैं लेकिन अब आगे बात करेंगे मस्जिक के उस हिस्से की जहां आम लोगों की आवाजाही पर पाबंदी है.


विवाद को जन्म देने वाली जगह


ABP रिपोर्टर ने ये समझने की कोशिश भी की कि आखिर ज्ञानवापी परिसर में वो कौन सी जगह है, जिसे लेकर विवाद हो रहा है.. आखिर कहां वो निशानियां हो सकती है, जिसे लेकर हिंदू पक्ष मंदिर के दावे करता है. दरअसल गेट के पास एक तहखाना है जिसे लेकर हिंदू पक्ष दावा करता है कि इसी तहखाने में मंदिर होने के साक्ष्य मिल सकते हैं. इसी तहखाने में खुदाई करने पर पुख्ता सबूत मिल सकते हैं कि यहां पर पहले मंदिर था और मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई. आपको बता दें कि अदालत के आदेश के बाद तहखाना खोलने का रास्ता भी साफ हो गया है. इस तहखाने के अलावा भी कहीं मंदिर होने के सबूत मिल सकते हैं इस बात की पड़ताल हमारे संवाददाता ने की.


मस्जिद के गुम्बद के पास पिलर पर हैं कुछ निशानियां


मस्जिद के गुंबद के पास एक पिलर है जो जर्जर हालत में है और इस पर काई भी जम गई है. इस पिलर के बारे में संदेह है कि इसकी और इसके आसपास की जगह की सही तरीके से छानबीन की जाए तो कुछ निशानियां मिल सकती हैं. हालांकि सर्वे का काम शुरू हो गया है और अब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.


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