SC on Gyanvapi Mosque: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (24 जुलाई) को वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वे पर दो दिन की रोक लगा दी है. मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में जा सकते हैं. कोर्ट के फैसले को मुस्लिम पक्ष के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है. उधर, हिंदू पक्ष का कहना है कि वह हाईकोर्ट में इसका पुरजोर विरोध करेंगे.


हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में वाराणसी अदालत के आदेश का पालन करने पर रोक लगा दी है, ताकि मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया कमेटी को हाईकोर्ट में इसे चुनौती देने की अनुमति मिल सके. उन्होंने कहा, "हमारी कानूनी टीम हाई कोर्ट पहुंच रही है और हम इसका विरोध करेंगे. ज्ञानवापी की सच्चाई ASI के सर्वेक्षण के बाद ही सामने आएगी. हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट की किसी भी टिप्पणी से प्रभावित हुए बिना मामले का फैसला करेगा, इलाहाबाद HC अपनी योग्यता के आधार पर मामले का फैसला करेगा"


SC के आदेश का हवाला देकर सुनवाई की गुहार लगा सकता है मुस्लिम पक्ष
मुस्लिम पक्ष इंतजामिया कमेटी मंगलवार को हाईकोर्ट में अपनी याचिका दाखिल कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर कमेटी हाईकोर्ट से कल ही सुनवाई करने की गुहार भी लगा सकती है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में मस्जिद कमेटी के वकील अर्जी तैयार करने में जुट गए हैं.


सप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर लगाई दो दिन की रोक
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि 26 जुलाई शाम 5 बजे तक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का कोई ASI सर्वेक्षण नहीं होगा. इसके साथ ही परिसर में तोड़-फोड़ और खुदाई पर दो हफ्ते की रोक लगाई गई है. उधर, 21 जुलाई को वाराणसी जिला जज एके विश्वेश ने मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वे का आदेश दिया था. एएसआई को 4 अगस्त को सर्वे की रिपोर्ट अदालत को सौंपनी थी. जिला जज के आदेश पर टीमें सर्वेक्षण के लिए पहुंचीं, तभी मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इस पर कोर्ट ने एएसआई का पक्ष मांगा.


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