Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की ASI सर्वे रिपोर्ट हिंदू और मुस्लिम पक्ष को सौंप दी गई है. इस रिपोर्ट की कॉपी हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन और मुस्लिम पक्ष के वकील अख़लाख अहमद दी गई है. सूत्रों का दावा है कि सर्वे रिपोर्ट में सामने आया है कि ज्ञानवापी मस्जिद में वहां पहले से मौजूद मंदिर के अवशेष मिले हैं.
एबीपी न्यूज़ को सूत्रों ने भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वे रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि मस्जिद परिसर में स्वस्तिक के निशान, नाग देवता के निशान, कमल पुष्प के निशान, घंटी के निशान, ओम लिखे हुए निशान, विखंडित मूर्तियां और मंदिर के टूटे हुए खंभों के अवशेष मिले हैं.
एबीपी न्यूज को सूत्रों के हवाले मिली जानकारी के मुताबिक सर्वे रिपोर्ट को फोटो, वीडियो, थ्रीडी इमेज और रासायनिक प्रकिया से मिले साक्ष्य के आधार पर 92 दिनों में तैयार किया गया है. सर्वे टीम ने वजूखाने को छोड़कर एक-एक जगह की बारीकी से जांच की थी. दरअसल, वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार (24 जनवरी) को ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट सभी पक्षकारों को सौंपे जाने का आदेश दिया. सर्वे रिपोर्ट की कॉपी प्राप्त करने के लिए हिंदू और मुस्लिम पक्ष की ओर से कुल 11 लोगों ने आवेदन किया था.
हिंदू पक्ष के वकील का दावा
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक एएसआई (ASI) की 839 पन्ने की सर्वेक्षण रिपोर्ट का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद वहां पहले से मौजूद मंदिर के अवशेषों पर बनी है. उन्होंने दावा करते हुए कहा, " पहले हिंदू मंदिर था उसके शिलालेख को फिर से उपयोग कर ये मस्जिद बनाई गई है. इनमें देवनागरी, ग्रंथ, तेलुगु और कन्नड़ लिपियों में शिलालेख मिले हैं. इन शिलालेखों में जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर जैसे देवताओं के तीन नाम मिलते हैं. '
कोर्ट में क्या दलील दी गई थी?
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बुधवार को बताया था कि जिला अदालत के जस्टिस ए के विश्वेश ने अपने आदेश में कहा है कि ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सभी पक्षकारों को सौंपी जाए. इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने मांग कि थी कि सर्वे की रिपोर्ट पक्षकारों तक ही रहे, उसे सार्वजनिक न किया जाए. इस पर जज ने कहा कि सभी पक्षकार रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने का एफिडेविट कोर्ट में जमा कराकर सर्वे रिपोर्ट प्राप्त करें.
बता दें कि एएसआई ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था. फिर 18 दिसंबर को सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट जिला कोर्ट को दी थी.
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