Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) सर्वे रिपोर्ट हिंदू और मुस्लिम पक्ष को सौंप दी गई है. इसको लेकर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार (26 जनवरी) को दावा किया था कि एएसआई की रिपोर्ट से पता लगा है कि ज्ञानवापी मस्जिद वहां पहले से मौजूद मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी. इस बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार (26 जनवरी) को कहा कि काशी और मथुरा बचा हुआ है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने कहा, ''देश के तमाम सनातनियों के लिए अयोध्या में राम भगवान का मंदिर बनना सबसे बड़ी राहत है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और और कोर्ट के कारण हो सका. भारत का सनातनी जाग गया है. अब मथुरा और काशी बचा हुआ है. मथुरा और काशी दे दें ताकि कोई दिक्कत नहीं हो. एएसआई ने सारे सबूत दे दिए हैं.''
दरअसल, हाल ही में वाराणसी की जिला कोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की सर्वे रिपोर्ट सभी पक्षकारों को देने का आदेश दिया था.
एएसआई ने सर्वे क्यों किया?
जिला अदालत के पिछले साल 21 जुलाई के आदेश के बाद एएसआई ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं.
क्या दावा है?
हिंदू याचिकाकर्ताओं के यह दावा करने के बाद कि 17वीं सदी की मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर किया गया था, कोर्ट ने सर्वेक्षण का आदेश दिया था.
एएसआई ने 18 दिसंबर को सीलबंद लिफाफे में अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट जिला अदालत को सौंपी थी. एएसआई ने 3 जनवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट के 19 दिसंबर के फैसले का हवाला देते हुए अदालत से अपनी ज्ञानवापी परिसर सर्वेक्षण रिपोर्ट को कम से कम चार सप्ताह तक सार्वजनिक नहीं करने का आग्रह किया था.
इनपुट भाषा से भी.
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