Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने वाले टीम ने गुरुवार को वाराणसी की अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उसे और एक दिन सुनवाई नहीं करने को कहा. इस बीच आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी. सुनवाई से ठीक पहले हिंदू पक्ष ने जवाब दाखिल करते हुए दावा किया है कि हिंदू सदियों से उसी स्थल पर अपनी रीतियों का पालन कर रहे हैं, परिक्रमा कर रहे हैं। औरंगजेब ने कोई वक्फ नहीं स्थापित किया था. विवादित जगह मस्ज़िद नहीं है.


उन्होंने कहा, ''भारत में इस्लामिक शासन से हज़ारों साल पहले से संपत्ति आदि विश्वेश्वर की है. भगवान की संपत्ति किसी को नहीं दी जा सकती है. औरंगज़ेब ने शासक होने के नाते जबरन कब्ज़ा किया था. इससे मुसलमानों को संपत्ति पर हक नहीं मिल जाता है.''


शीर्ष न्यायालय ने इसकी सुनवाई  गुरुवार को टाल दी क्योंकि एक वकील बीमार हैं. हिंदू याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे एक वकील ने कहा कि वाराणसी की अदालत अब 23 मई को सुनवाई जारी रखेगी.


मस्जिद प्रबंधन समिति के वकील ने कहा कि दोनों पक्षों ने बृहस्पतिवार को निचली अदालत में अपनी-अपनी ‘आपत्तियां एवं जवाबी-आपत्तियां दाखिल की. ’’ अब 23 मई को दीवानी अदालत में जिन याचिकाओं की सुनवाई की जाने की उम्मीद है, उनमें एक यह याचिका भी है जिसमें काशी विश्वनाथ मंदिर और इससे लगी ज्ञापवापी मस्जिद के बीच एक दीवार को हटाने का अनुरोध किया गया है.


जिला दीवानी न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने महिलाओं के एक समूह की याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वेक्षण का आदेश दिया था. याचिका के जरिए मस्जिद की बाहरी दीवार पर हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्रतिदिन पूजा करने का अधिकार देने की अनुमति मांगी गई थी.


वाराणसी में, विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने रिपोर्ट पेश करने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘ मैंने 14, 15 और 16 मई की रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत कर दी है. रिपोर्ट में क्या है यह मुझे बताने का अधिकार नहीं है. अब रिपोर्ट पर आगे की कार्यवाही अदालत करेगी.’’


विशाल सिंह ने कहा कि वीडियोग्राफी और ‘स्टिल फोटोग्राफी’ (तस्वीर) के चिप वाले सीलबंद बक्से के साथ दस्तावेज भी जमा किए गए हैं. हालांकि, उन्होंने रिपोर्ट का कोई विवरण नहीं दिया.


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