Gyanvapi Mosque Row: उत्तर प्रदेश (यूपी) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ज्ञानवापी विवाद पर दिए बयान के बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का रिएक्शन आया है. शनिवार (14 सितंबर, 2024) को विहिप की ओर से यूपी सीएम की टिप्पणी की तारीफ की गई. संगठन की ओर से जारी बयान में बताया गया कि सच सब जानते हैं और ऐसे में वहां (वाराणसी में) पर मस्जिद की महा जिद करना ठीक नहीं है.


विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया, "यूपी सीएम ने जो कुछ कहा है, उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए. ज्ञानवापी मामले का हल जल्द से जल्द होना ही चाहिए. काशी सिर्फ धर्म की ही नहीं बल्कि ज्ञान की नगरी भी है. वहां आदि गुरु शंकराचार्य को भी ज्ञान प्राप्त हुआ था."


"जिसे ज्ञानवापी मस्जिद कहते हैं, वह तो असल में..."


विनोद बंसल के मुताबिक, "यह (काशी) भगवान शंकर और विश्वेश्वर भगवान की पुण्य धरा है. यह किससे छिपा है कि भगवान विश्वेश्वर महादेव की इस पुण्य धरा पर कुछ विदेशी आक्रांताओं ने कब्जा जमाने की कोशिश की थी, जिसको अभी कुछ लोग तथाकथित मस्जिद कहते हैं, वह वास्तव में भगवान शंकर का गर्भगृह है, मूल स्थान है और उसकी मुक्ति बहुत आवश्यक है."


VHP प्रवक्ता ने बताया, कैसे खुल रही झूठ की पोल 


विहिप प्रवक्ता ने आगे बताया कि क्या यह सच्चाई नहीं है कि जिसे वह मस्जिद बता कर झूठ बोल रहे हैं, उसकी दीवारें और गुंबद का निचला हिस्सा ही उनकी उस झूठ की पोल खोल रहा है. वहां का ढांचा, भूगोल, परंपराएं, मान्यताएं , तथ्य और सत्य को देखते हुए किसी को शंका नहीं होनी चाहिए कि वह भगवान विश्वनाथ की ही जगह है. ऐसे में कोई मस्जिद के लिए महा जिद करता है तो यह सही नहीं है.


ज्ञानवापी विवाद पर क्या बोले थे योगी आदित्यनाथ?


दरअसल, योगी आदित्यनाथ ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि में ‘समरस समाज के निर्माण में नाथपंथ का योगदान’ विषय पर हुई अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में शनिवार को कहा कि ज्ञानवापी को 'मस्जिद' कहना 'दुर्भाग्यपूर्ण' है. यह खुद में भगवान विश्वनाथ का एक सच्चा स्वरूप है. 


ज्ञानवापी ही साक्षात विश्वनाथ- उत्तर प्रदेश के CM


यूपी सीएम ने पौराणिक ऋषि आदि शंकर का जिक्र किया और वाराणसी में भगवान विश्वनाथ के साथ शंकर की मुलाकात के बारे में एक किस्सा सुनाया था. उन्होंने इस दौरान ज्ञानवापी को स्वयं भगवान का प्रत्यक्ष स्वरूप बताया था. योगी आदित्यनाथ बोले, "दुर्भाग्य से ज्ञानवापी को आज लोग दूसरे शब्दों में मस्जिद कहते हैं, लेकिन ज्ञानवापी साक्षात विश्वनाथ ही है."


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