Mosque Row: ज्ञानवापी-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर कोर्ट आज दे सकता है फैसला, काशी-मथुरा पर टिकी सबकी निगाहें
Kashi and Mathura Mosques Dispute: काशी और मथुरा के लिए आज का दिन अहम है. दोनों जगहों पर मस्जिदों को लेकर चल केस में अदालतें अहम फैसला सुना सकती हैं.
Gyanvapi and Shahi Eidgah Masjid Hearing: यूपी के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) और मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के बगल वाली शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Eidgah Mosque) के मामले पर अदालत आज सुनवाई करेंगी. दोनों मामलों पर कोर्ट अहम फैसला दे सकती हैं. ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने को लेकर अदालत आदेश दे सकती है. वहीं, मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वेक्षण कराया जाए या नहीं, इसे लेकर कोर्ट फैसला सुना सकता है.
कार्बन डेटिंग को लेकर दो धड़ों में बंटा हिंदू पक्ष
कोई भी चीज कितनी पुरानी है, इसे पता लगाने के लिए कार्बन डेटिंग कराई जाती है. वाराणसी की अदालत अगर सर्वे में ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने का फैसला देती है तो इससे पता चलेगा कि वह कितना पुराना है. वाराणसी के जिजा जज एके विश्वेश मामले पर फैसला सुना सकते हैं.
कहा जा रहा है कि कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने को लेकर भी हिंदू पक्ष दो धड़ों में बंटा है. मामले के कानूनी पक्ष को देख रही संस्था विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन का धड़ा कार्बन डेटिंग कराने का विरोध कर रहा है. वहीं, वकील विष्णु शंकर जैन का पक्ष कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग कर रहा है.
क्या हैं हिंदू-मुस्लिम पक्ष के दावे?
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे अलग-अलग मामलों को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष आमने-सामने हैं. मुस्लिम पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद सैकड़ों वर्ष पुरानी है. वहीं, हिंदू पक्ष का दावा है कि पूरी संपत्ति भगवान विश्वेश्वर की है.
मुस्लिम पक्ष मस्जिद पर अपना अधिकार होने का दावा कर रहा है, वहीं, हिंदू पक्ष ने आरोप लगाया है कि मुगल आक्रांता औरंगजेब ने इस जगह पर जबरन कब्जा किया था. अदालत के सर्वे के आदेश को मुस्लिम पक्ष ने गलत बताया था, वहीं, हिंदू पक्ष ने कोर्ट के आदेश का समर्थन किया था.
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के वजुखाने में अदालत के आदेश के तहत किए गए सर्वे के दौरान एक पत्थर मिला था, जिसे हिंदू पक्ष शिवलिंग बता रहा है, वहीं मुस्लिन पक्ष ने इसे फव्वारा बताया है. मुस्लिम पक्ष ने अदालत से मस्जिद में यथास्थिति बरकरार रखने की अपील की है. वहीं, हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर में देवी श्रृंगार गौरी की पूजा का अधिकार मांगा है.
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