नई दिल्ली: अमेरिकी प्रशासन के एच1-बी वीजाधारकों का न्यूनतम वेतन दोगुना करने वाले प्रस्तावित कानून को लेकर विभिन्न वर्गो की चिंताओं को साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने आज कहा कि भारत सरकार निश्चित तौर पर इन चिंताओं को समझती है और अमेरिका को इससे अवगत कराया जा रहा है.


राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि इस प्रकार की रोक कुछ देशों में समय समय पर देखने को मिली हैं. अमेरिका में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के क्षेत्र में भारत की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है और अगर कोई रोक लगाई जाती है तब उस देश को भी इन बातों को समझना होगा.


उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार इस विषय पर जरूरी कार्रवाई करेगी और कर रही है. ’’ एच1बी वीजा के बारे में आईटी पेशेवरों की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर रूडी ने कहा कि निश्चित तौर पर हमारी सरकार इन चिंताओं को समझती है और उस देश :अमेरिका: को इन चिंताओं से अवगत कराया जा रहा है.


क्या है मामला?
अमेरिका ने एच-1बी वीजाधारकों के लिये न्यूनतम वेतन 130,000 डालर करने का प्रस्ताव किया है. इससे भारतीय पेशेवरों और आईटी कंपनियों के प्रभावित होने की आशंका है.


उधर, कांग्रेस ने अमेरिकी प्रशासन के एच1बी वीजा संबंधी प्रस्तावित कानून को ‘प्रतिगामी’ बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समक्ष उठाने को कहा है.