देश में लगे ATM को आसानी से निशाना बना सकते हैं हैकर्स: विशेषज्ञ
नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद देश भर में जब एटीएम के बाहर लोगों की कतारें बढ़ती जा रही हैं. इसी बीच इंटेल सिक्युरिटी के एक शीर्ष अधिकारी ने चेतावनी दी है कि भारत में जो एटीएम हैं, वे सुरक्षा में सेंध लगाने के लिहाज से अति संवेदनशील हैं. इंटेल सिक्युरिटी साइबर सुरक्षा प्रौद्योगिकी से जुड़ी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है.
इस कंपनी के दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक आनंद राममूर्ति ने एक इंटरव्यू कहा, "बैंकों में सुरक्षा में सेंध कई स्तरों पर लग सकती है. जैसे किसी एटीएम पर, डाटा सेंटर पर, नेटवर्क या मोबाइल बैंकिंग के जरिए. हैकरों के लिए आज की तारीख में एटीएम एक आसान लक्ष्य हैं."
हाल में पिछले दिनों एटीएम पर हमलों से कई देश प्रभावित हुए हैं. हैकरों के एक समूह, जिसे कोबाल्ट के नाम से जाना गया, उसने पिछले महीने पूरे यूरोप में गलत सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर दूर-दराज के मशीनों को निशाना बनाया. उन मशीनों के सॉफ्टवेयर में इस तरह से गड़बड़ी कर दी कि वे मशीनें खुद-ब-खुद बड़ी मात्रा में नकदी देने लगीं.
भारत के बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एटीएम कई स्तरों पर प्रमाणीकरण और उद्योग के मानदंड के साथ सुरक्षित रहें, ताकि लेन-देन के हर स्तर पर डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
डिजिटल सुरक्षा की प्रमुख कंपनी गेमाल्टो की बैंकिंग और ट्रांसपोर्ट के क्षेत्रीय निदेशक अतुल सिंह ने कहा, "यह समय है कि एटीएम से लेन-देन के लिए बैंक जो चुंबकीय धारी वाले कार्ड जारी कर रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द बदल दिया जाए. इसका असर कम से कम हो, इसके लिए प्रभावित बैंक डेबिट कार्ड ब्लॉक कर देते हैं, वे अब इसकी जगह कार्ड को ईएमवी चिप वाले कार्ड जारी करने लगे हैं."
ईएमवी यूरोपे, मास्टरकार्ड और वीजा तीनों का संक्षिप्त रूप है और यह कंप्यूटर चिप अभी दुनिया भर में इस्तेमाल हो रहा है.