मुझे खुद मालूम नहीं था कि मैं एनडीए में वापसी करूंगा : नीतीश कुमार
बता दें कि नीतीश कुमार ने 26 जुलाई को लालू प्रसाद की राजद और कांग्रेस का साथ छोड़कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी पार्टी तोड़ने के भी प्रयास किये गए थे.
पटना: ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी के साथ आने के नीतीश कुमार के फैसले पर काम महीनों से नहीं तो पिछले कुछ हफ्तों से जरूर चल रहा था. लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस बात पर जोर दिया है कि उन्हें खुद मालूम नहीं था कि वह एनडीए में दोबारा वापसी करेंगे. नीतीश ने कहा है कि बीजेपी ने उन्हें समर्थन की पेशकश उस समय की थी जब उन्होंने महागठबंधन से अलग होकर पद से इस्तीफा दे दिया था.
बता दें कि नीतीश कुमार ने 26 जुलाई को लालू प्रसाद की राजद और कांग्रेस का साथ छोड़कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी पार्टी तोड़ने के भी प्रयास किये गए थे.
इस्तीफा देने के बाद मिला बीजेपी से ऑफर
नीतीश ने इस बात पर जोर दिया है कि सब कुछ जल्दबाजी में हुआ. उन्होंने कहा, 'मेरे इस्तीफा देने के बाद उस दिन जब हमारे पास बीजेपी की ओर से पेशकश आयी, मैंने उसे अपने विधायकों के समक्ष रखा जो मेरे अणे मार्ग स्थित आवास पर इकट्ठा हुए थे और उन्होंने निर्णय किया है कि पेशकश स्वीकार कर लेनी चाहिए.’’
उन्होंने कहा कि बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के विधायक उसी समय जेडीयू विधायकों के साथ बैठक में शामिल हुए जहां उन्हें उनके संयुक्त विधायक दल का नेता चुन लिया गया और उसके बाद उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया.
जेडीयू विधायकों को तोड़ने की हो रही थी कोशिश
नीतीश कुमार ने दावा किया है कि तेजी से हुए होने से हुए घटनाक्रम के राजनीतिक उथल पुथल में तब्दील होने से पहले पर्दे के पीछे एक खेल चल रहा था, जिसमें जेडीयू विधायकों को तोड़ने की कोशिश की जा रही थी.
उन्होंने किसी पार्टी या व्यक्ति का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान से साफ होता है कि इशारा आरजेडी की ओर था. कुमार ने कहा, 'जेडीयू के कई विधायकों को पार्टी से अलग होने के लिए फुसलाया गया, मेरे विधायकों ने सभी प्रलोभन ठुकरा दिये और मुझे बताया कि कौन बड़ी पेशकशों के साथ आये थे.’’
शरद यादव को दी गई चेतावनी
जेडीयू अध्यक्ष कुमार ने बागी नेता शरद यादव को चेतावनी दी है जो कि बिहार में तीन दलों का महागठबंधन टूटने से नाराज हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि यदि वह पार्टी के आदेश का उल्लंघन करते हुए आरजेडी की पटना में 27 अगस्त की रैली में शामिल हुए तो वह अपनी राज्यसभा सीट गंवा देंगे.