नई दिल्ली/लाहौर : जमात-उद दावा के सरगना हाफिज सईद और चार अन्य ने अपनी नजरबंदी को आज लाहौर हाईकोर्ट में चुनौती दी है. लाहौर हाईकोर्ट के न्यायाधीश सरदार मुहम्मद शमीम खान इनकी याचिकाओं पर कल सुनवायी करेंगे. इधर भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि यह देखना होगा कि आतंकवाद के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की नजरबंदी का असल कारण क्या है.
30 जनवरी को लाहौर में घर में नजरबंद कर दिया था
गौरतलब है कि हाफिज सईद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद, काजी काशिफ हुसैन और अब्दुल्ला उबैद ने वरिष्ठ वकील ए के डोगर के जरिये अपनी नजरबंदी को चुनौती दी. सरकार ने सईद और जमात-उद दावा और फलाह-ए इंसानियत के चार अन्य नेताओं को देश के आतंकवाद रोधी कानून के तहत 30 जनवरी को लाहौर में घर में नजरबंद कर दिया था.
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क्या वास्तव में पाकिस्तान की तरफ से ‘दिखायी गयी बुद्धिमानी’ है
इस बीच पर्रिकर ने सवाल उठाया है कि सईद की नजरबंदी का कारण क्या वास्तव में पाकिस्तान की तरफ से ‘दिखायी गयी बुद्धिमानी’ है या इसका कारण केवल यह है कि स्थिति अब उसके ‘प्रतिकूल होने लगी है.’ पर्रिकर ने साथ ही अच्छे एवं बुरे आतंकवाद की अवधारणा को खारिज करते हुए जोर दिया.
इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दिया था बयान
उन्होंने कहा कि ‘मैं कह सकता हूं कि जब आप नागफनी उगाएंगे तो कांटे हर किसी को चुभेंगे.’ इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि सईद को नजरबंद करना देश के ‘व्यापक हित’ में है क्योंकि वह देश के सामने ‘गंभीर खतरा’ बन सकता है. पर्रिकर ने कहा कि कोई भी देश जो आतंकवाद का समर्थन करता है, उसकी खुद की सुरक्षा पर भी इसका असर जरूर होगा.
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हाफिज सईद भारत के खिलाफ लगातार जहर उगलता रहता है
उन्होंने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि जो भी कहा गया है, वे इसे समझेंगे. अगर यह उनकी समझ का हिस्सा है तो जो हो रहा है, वह अच्छी बात है.’ गौरतलब है कि हाफिज सईद भारत के खिलाफ लगातार जहर उगलता रहता है. साथ ही मुंबई में हुए 26/11 हमले का मास्टमाइंड भी है.