नई दिल्ली : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को हज-2018 की घोषणा की और इसके साथ ही हज से जुड़ी प्रक्रिया शुरू हो गई. अगले साल की हज यात्रा के लिए 15 नवंबर से आवेदन पत्र उपलब्ध होंगे.

नयी दिल्ली में जारी आधिकारिक बयान के अनुसार मुंबई के हज हाउस में हज-2018 की घोषणा करते हुए नकवी ने कहा कि इस बार केंद्र सरकार ने हज की घोषणा पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग एक महीने से भी पहले कर दी है. इससे सभी सम्बंधित एजेंसियों को तैयारी करने का पर्याप्त अवसर मिलेगा जिससे हाजियों को विश्व स्तरीय सुविधाएँ मुहैय्या कराई जाने में मदद मिलेगी.  लोग भारतीय हज समिति की वेबसाइट से आवेदन पत्र अपलोड करके भर सकते हैं.

मोबाइल ऐप पर मिलेगी हज की सभी जानकारी

नकवी ने आधुनिक सुविधाओं और तकनीक से भरपूर नया हज मोबाइल ऐप भी लांच किया. इस ऐप के लांच होने से हाजियों को ऑनलाइन आवेदन करने में बड़ी सहूलियत होगी. हज के लिए आवेदन, पूछताछ एवं सूचना, हज से सम्बंधित नवीनतम गतिविधियों की जानकारी और ई-पेमेंट इस ऐप की खासियत है. इस ऐप से पंजीकरण भुगतान भी ऑनलाइन किया जा सकेगा. मंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार हज यात्रा को पूरी तरह से ऑनलाइन करने की दिशा में काम कर रही है ताकि आसानी और पारदर्शिता के साथ लोग हज यात्रा के लिए आवेदन कर सकें.

हज 2018 नई हज नीति के आधार पर किया जायेगा

हज 2018 नई हज नीति के आधार पर किया जायेगा. नई हज नीति तैयार करने वाली उच्च स्तरीय समिति ने अपनी सिफारिशें सौंप दी हैं जिन पर विचार किया जा रहा है. नई हज नीति का उद्देश्य हज यात्रा को और अधिक सरल-सुगम और पारदर्शी बनाना है. हाजियों की सुविधा, सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. नई हज नीति में 70 वर्ष से अधिक उम्र के हज पर जाने के इच्छुक लोगों के लिए आरक्षण को बरकरार रखना, 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को 4 या इससे ज्यादा के समूह में बिना “मेहरम” के हज यात्रा पर जाने की इजाजत शामिल है.

नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय नई हज नीति पर दी गई रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है और 21 प्रस्थान स्थलों (इम्बार्केशन पॉइंट्स) को बरकरार रखे जाने पर सकारात्मक विचार चल रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार हाजियों के लगने वाले कुल खर्चे का पूरा विवरण आवेदन पत्र में ही दिया जायेगा. यह हज की संपूर्ण प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा.

हज-2018 के आवेदन पत्र में सभी इम्बार्केशन पॉइंट्स से हवाई यात्रा के खर्च की जानकारी भी दी गई है जिससे की हज यात्री अपनी सहूलियत के हिसाब से अन्य जगहों से भी जा सकें. हाजियों को यह सुविधा पहली बार दी जा रही है। मसलन, श्रीनगर से सऊदी अरब का हज के लिए हवाई यात्रा का किराया 1 लाख 9 हजार 692 रूपए है जबकि दिल्ली से यह 73 हजार 697 रूपए है. ऐसे में जम्मू और कश्मीर के हज यात्री दिल्ली से भी सऊदी अरब जा पाएंगे। असम, मेघालय, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश एवं सिक्किम के हज यात्री कोलकाता से भी हज यात्रा पर जा सकेंगे. इसी तरह बिहार के गया से हज का हवाई किराया जहां 1 लाख 13 हजार 680 रूपए है अब वहां के हाजी कोलकाता से भी यात्रा कर सकेंगे. इस व्यवस्था से हज सब्सिडी खत्म हो जाने पर भी हाजियों पर बोझ नहीं पड़ेगा.

भारत का हज कोटा बढ़ा 

हज-2017 से सऊदी अरब ने भारत का हज कोटा बढ़ा कर 170,025 कर दिया. पिछली बार देश भर के 21 प्रस्थान स्थलों-दिल्ली, गोवा, गुवाहाटी, लखनऊ, मंगलौर, वाराणसी, श्रीनगर, कोलकाता, गया, रांची, भोपाल, बैंगलोर, मुंबई, नागपुर, अहमदाबाद, औरंगाबाद, चेन्नई, कोच्चि, जयपुर, इंदौर, हैदराबाद से हज यात्री रवाना हुए थे. हज-2018 की घोषणा के अवसर पर भारतीय हज समिति के अध्यक्ष चौधरी महबूब अली कैसर, सीईओ डॉ मकसूद अहमद खान एवं अल्पसंख्यक मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.