क्या अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद का पड़ोसी हाजी सलीम है ड्रग्स की दुनिया का इंटरनेशनल खिलाड़ी?
हाजी सलीम अपने कन्साइनमेंट को एक देश से दूसरे देश भेजने के लिए बलूचिस्तान के गरीब और बेरोजगार नौजवानों का इस्तेमाल करता है. जिन्होंने हाजी सलीम को कभी अपनी आंखों से नहीं देखा.
हाजी सलीम उर्फ हाजी बलोच, ये नाम और चहेरा भारत और कई देशों के लिए सिरदर्द बन गया है. इस इंटरनेशनल ड्रग्स के खिलाड़ी की भारत समेत मलेशिया, ईरान, अफगानिस्तान, मॉरीशस, श्रीलंका, अमेरिका और न्यूजीलैंड जैसे देशों की जांच एजेंसियां सरगर्मी से तलाश कर रही है.
हैरानी की बात ये कि तमाम देशों की जांच एजेंसियों के पास इस शख्स की पुरानी सी दिखने वाली इस फोटो और नाम के अलावा कोई और जानकारी नहीं है. जानकारी के नाम पर बस ये पता चला है कि ये शख्स पाकिस्तान के कराची में दाऊद इब्राहिम के नजदीक है, यानी ये दाऊद का पड़ोसी है. जांच एजेंसियों को शक है हाजी सलीम और दाऊद के बीच गहरे कनेक्शन है. इतना ही नहीं एनसीबी के डीडीजी, ज्ञानेश्वर सिंह कि मानें तो पाकिस्तान भारत के खिलाफ लगातार साजिश करता रहता है.
किसी ने नहीं देखा कौन है हाजी सलीम
एनसीबी के डीडीजी, ज्ञानेश्वर सिंह कि मानें तो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने हाजी सलीम को कई सेटेलाइट फोन भी मुहैया करवा रखे है, जिनके जरिए वो समुद्र में कन्साइनमेंट के साथ मौजूद अपने गुर्गों के सम्पर्क में रहता है. हाजी सलीम अपने कन्साइनमेंट को एक देश से दूसरे देश भेजने के लिए बलूचिस्तान के गरीब और बेरोजगार नौजवानों का इस्तेमाल करता है. जिन्होंने हाजी सलीम को कभी अपनी आंखों से नहीं देखा.
2015 में पहली बार सामने आया था हाजी सलीम का नाम
पहली बार हाजी सलीम का नाम साल 2015 में सामने आया था, जब इसका करोड़ो का कन्साइनमेंट केरल के पास समुद्र में पकड़ा गया था. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के सूत्रों की मानें तो पिछले ढाई साल में हाजी सलीम से जुड़ी 40 हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स भारतीय समुद्री सीमा में पकड़ी जा चुकी है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि इतनी बड़ी मात्रा में माल पकड़े जाने के बावजूद ड्रग स्मगलिंग थम नहीं रही.
ISI के इशारे पर भारत में नार्को टेररिज्म को दे रहा अंजाम
खुफिया एजेंसियों की मानें तो पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी ISI का हाजी सलीम पर पूरा हाथ है. ISI के इशारे पर हाजी सलीम हिंदुस्तान में नार्को टेररिज्म को अंजाम दे रहा है. पाकिस्तान में हाजी सलीम ड्रग्स की दुनिया का बेताज बादशाह है, जिसका नेटवर्क अब पाकिस्तान से बाहर करीब दर्जन भर देशों में फैल चुका है, लेकिन अब हिंदुस्तान में हाजी सलीम की जड़ो को काटने की तैयारी पूरी कर ली गयी है. गृह मंत्री अमित शाह के आदेश पर NCB यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ऑपरेशन 'सागर मंथन' शुरू कर दिया है, जिसके तहत अभी तक करीब चार हजार किलो ड्रग्स पकड़ी जा चुकी है. बरामद ड्रग्स के तार पाकिस्तानी ड्रग माफिया हाजी सलीम से जुड़े है. बरामद ड्रग्स के साथ 14 पाकिस्तानी नागरिक भी पकड़े जा चुके है.
रात के अंधेरे में छोटी बोट से पोर्ट तक लाया जाता है
हाजी सलीम अपना ड्रग्स कन्साइनमेंट समुद्र के रास्ते ही एक देश से दूसरे देश भेजता है. वो भी कुछ खास मार्क के साथ. हाजी सलीम के कन्साइनमेंट की पहचान है 777, 555, 999, उड़ते घोड़े और बिच्छु, यानी जिन पैकेट पर ये छपे पाए गए… मतलब साफ है, हाजी सलीम का कन्साइनमेंट है. NCB सूत्रों के मुताबिक, हाजी सलीम का ड्रग कन्साइनमेंट ईरान से अफगानिस्तान, मलेशिया, श्रीलंका होते हुए हिंदुस्तान आता है. ड्रग से लदे मदरशिप हिंदुस्तान की मरीन लाइन के पास स्टेशन हो जाते हैं, जहां से इन्हें रात के अंधेरे में छोटी-छोटी बोट के जरिये पोर्ट तक लाया जाता है.
हाजी सलीम के पीछे NCB
पहले ऑपरेशन समुद्र गुप्त तो इस बार ऑपरेशन सागर मंथन के जरिये NCB का टारगेट है हाजी सलीम उर्फ हाजी बलोच, जिसकी गिरफ्तारी के लिए देश की तमाम सुरक्षा और जांच एजेंसियां एक साथ इसके सुराग तलाशने में जुटी है.
क्या था ऑपरेशन समुद्र गुप्त- 4
NCB, भारतीय नौसेना और गुजरात पुलिस की ATS के जॉइंट ऑपरेशन में भारतीय समुद्री सीमा में लगभग 700 किलो मेथ ड्रग्स की खेप पकड़ी गई. इस ऑपरेशन के दौरान 8 विदेशी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया है. जो खुद को ईरानी बता रहे है. बरामद की गई ड्रग्स की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 2000 करोड़ की बताई जा रही है.
क्या है NCB का टार्गेट?
पिछले कई दिनों से NCB सागर मंथन के नाम से एक ऑपरेशन चला रहा है. ये ऑपरेशन में खासतौर से भारत में हो रही ड्रग्स की तस्करी के लिए चलाया जा रहा है. इससे पहले भी ऑपरेशन सागर मंथन में नारकोटिक्स की टीम कई किलो ड्रग्स की खेत बरामद कर चुकी है NCB के मुताबिक इस ऑपरेशन का मकसद समुद्री रास्ते से हो रही ड्रग्स की तस्करी को रोकना है.
NCB के मिली थी पुख्ता सूचना
एनसीबी के डीडीजी, ज्ञानेश्वर सिंह के मुताबिक एक पुख्ता सूचना मिली थी कि एक बिना रजिस्टर वाला जहाज, जिसमें AIS (ऑटोमैटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम) भी नहीं था. भारतीय समुद्री सीमा में नशीले पदार्थ लेकर आने वाला है. इसी इनपुट के आधार पर "सागर-मंथन - 4" नाम से ऑपरेशन शुरू किया गया. भारतीय नौसेना ने अपने समुद्री सर्च ऑपरेशन के जरिए इस जहाज को पकड़ा ये ऑपरेशन 15 नवंबर 2024 को किया गया. इस ऑपरेशन में विदेशों नारकोटिक्स एजेंसियों से भी मदद ली जा रही है ताकि इस ड्रग सिंडिकेट के पीछे और आगे के लिंक का पता लगाया जा सके.
ऑपरेशन में 3400 किलो नशीले पदार्थ जब्त
ऑपरेशन "सागर-मंथन" की शुरुआत इस साल की शुरुआत में NCB ने की थी. इसके तहत भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल और गुजरात पुलिस के एटीएस के साथ मिलकर कई समुद्री सर्च ऑपरेशन चलाए गए है. अब तक इस ऑपरेशन में करीब 3400 किलो नशीले पदार्थ जब्त किए गए है और 11 ईरानी तथा 14 पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है.