हज को लेकर केंद्रीय मंत्री नकवी ने की बैठक, कहा- अंतिम फैसला अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के आधार पर होगा
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जून-जुलाई 2021 में हज होने की संभावना है. लेकिन कोरोना के चलते अंतिम फैसला इंटरनेशनल प्रोटोकॉल के हिसाब से होगा.
नई दिल्ली: 2021 में होने वाली हज यात्रा के लिए भारत सरकार ने कमर कस ली है. इसको लेकर सोमवार सुबह 11 बजे वर्चुवल बैठक भी की गई. इस बैठक में अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, हज कमिटी ऑफ इंडिया के सीईओ मकसूद अहमद, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव पी. के. दास, विदेश मंत्रालय के सयुक्त सचिव विपुल, सऊदी अरब में भारत के राजदूत डॉ. औसाफ सईद व अन्य सम्बंधित अधिकारी शामिल हुए.
इस बैठक में हज को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. मुख्तार अब्बास नकवी ने बैठक के बाद बताया, हज 2021 पैंडमिक के मद्देनजर राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय प्रोटकॉल गाइडलाइंस पर निर्भर करेगा. हज 2021 जून जुलाई के महीने में होना है. लेकिन कोरोना आपदा और उसके प्रभाव की संपूर्ण समीक्षा और सऊदी अरब सरकार और भारत सरकार के लोगों की सेहत सुरक्षा के मद्देनजर दिशा निर्देशों को प्राथमिकता देखते हुए हज 2021 पर अंतिम फैसला लिया जाएगा.
Delhi: Union Minority Affairs Minister Mukhtar Naqvi chairs high-level meeting to decide key factors for Hajj 2021
"Hajj 2021 is expected to take place by June-July 2021. But all final decisions will be subject to international protocols & standards because of #COVID19," he says pic.twitter.com/sqgG7n6tff — ANI (@ANI) October 19, 2020
हज कमिटी ऑफ इंडिया और अन्य भारतीय एजेंसियों द्वारा हज 2021 के लिए आवेदन प्राप्त करने और तैयारियां जल्द शुरू की जाएगी. सऊदी अरब सरकार की तरफ से हज 2021 के संबंध में फैसले के बाद आवेदन करने और अन्य प्रक्रिया को लेकर औपचारिक घोषणा की जाएगी.
मंत्री ने आगे बताया, कोरोना महामारी के चलते दिशा निदेशरें को ध्यान में रखते हुए हज व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने पर परिवर्तन आ सकता है. हज यात्रियों की सेहत सलामती सरकार की प्राथमिकता है. भारत सरकार और अन्य संबंधित एजेंसियां इस दिशा में आवश्यक इंतजाम करेंगी. सरकार एवं हज कमेटी ने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है.
हालांकि अभी तक हज यात्रा 2021 के लिए सऊदी अरब की ओर से गाइडलाइंस जारी होने का इंतजार किया जा रहा है. इस मसले पर भारत और सऊदी अरब की सरकार आपस में संपर्क बनाए हुए है.
दरअसल कोरोना के चलते हज पर जाने वाले यात्री 2020 में भारत से हज यात्रा के लिए नहीं जा सके थे. जानकारी के अनुसार, कोरोना की वजह से हज 2020 पर ना जा पाने वाले 1 लाख 23 हजार लोगों के 2100 करोड़ रुपये बिना किसी कटौती के वापस कर दिए गए हैं.
पिछले 3 सालों में हज यात्रियों का लगभग 514 करोड़ सरप्लस पैसा भी कोरोना काल में वापस किया गया है. भारत में शत-प्रतिशत डिजिटल व्यवस्था का अज परिणाम है कि आपदा काल में भी पैसे सीधे खाते में भेजे गए जो कि हज प्रक्रिया के इतिहास में पहली बार है.
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