हल्द्वानी में फूंक दी थीं नगर निगम की गाड़ियां! फिर फेंकने लगे पत्थर, जान बचाकर भागे चश्मदीद
Haldwani Violence: नगर निगम के एक घायल कर्मचारी ने बताया कि उपद्रवी 100 कर्मचारियों पर अचानक पत्थर फेंकने लगे. घायल कार्मचारियों को जिले के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
Curfew in Haldwani: उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार (8 फरवरी) को नगर निगम ने जेसीबी लगाकर अवैध मदरसा और नमाज स्थल को ध्वस्त कर दिया, जिसके बाद क्षेत्र में हिंसा पैदा हो गई. इसे देखते हुए प्रशासन ने इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए. मामले की गंभीरता को देखते हुए राजधानी देहरादून में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई और अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए नगर निगम के एक घायल कर्मचारी ने बताया कि उपद्रवियों ने उनकी गाड़ी जला दी. उन्होंने बताया कि वे 3:30 बजे वहां पहुंचे, जब हिंसा शुरू हुई उस समय वहां नगर निगम के 100 कर्मचारी थे. उन्होंने बताया, "हिंसा में कई कर्मचारी घायल हुए जिन्हें अलग-अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया. उपद्रवियों ने उनके नाक और हाथ पर पत्थर मारा. बाकी कर्मचारियों में किसी के सिर पर पत्थर मारा गया, किसी को मुंह के पास पत्थर लगा, किसी के हाथ-पैर पर पत्थर लगे."
उपद्रवियों की पहचान की जा रही
अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से शहर के संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. नैनीताल की जिला मजिस्ट्रेट वंदना सिंह ने दावा किया कि हलद्वानी की आग, जिसमें दो लोगों की जान चली गई, वह सांप्रदायिक हिंसा का मामला नहीं था. उन्होंने कहा कि हिंसा के अपराधियों की पहचान की जाएगी और उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाएगा.
भीड़ ने पुलिस स्टेशन को किया क्षतिग्रस्त
अधिकारी ने कहा, "भीड़ ने पुलिस स्टेशन को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है. आरोपियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस हिंसा को लेकर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है." पुलिस अधीक्षक ने बताया, "उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया, जिसके बाद पुलिस को आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी, जिसमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. इन लोगों को गोली लग गयी थी."