Haldwani Railway Land Encroachment : रेलवे की जमीन पर रह रहे 4 हजार से ज्यादा परिवार, जानिए 10 मस्जिदों के अलावा और क्या-क्या मौजूद
Haldwani Land Encroachment: 2013 में हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में अतिक्रमण का पता लगा था, लेकिन ये बात अवैध रेत खनन से जुड़े एक मामले में सामने आई थी.
Haldwani Railway Land Encroachment: उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की करीब 2.2 किमी जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए 4 हजार से ज्यादा घरों को गिराने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया है.रेलवे ने इस अतिक्रमण के खिलाफ लोगों को जगह खाली करने के नोटिस जारी कर दिए हैं. नोटिस में कहा गया है कि जगह खाली नहीं किए जाने पर सभी अतिक्रमण तोड़ दिए जाएंगे और इसका खर्च अतिक्रमणकारियों से ही वसूला जाएगा.
रेलवे की कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इन लोगों की मांग है कि उत्तराखंड सरकार बिना भेदभाव के इनका पुनर्वास करवाए.वहीं, कांग्रेस के स्थानीय विधायक के नेतृत्व में मामले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी लगाई गई है, जिस पर 5 जनवरी यानी कल सुनवाई होनी है.
अतिक्रमण क्षेत्र में क्या-क्या निर्माण हुआ है?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2.2 किमी के इस इलाके में गफूर बस्ती, ढोलक बस्ती और इंदिरा नगर की झोपड़पट्टी आती है.ये पूरा इलाका हल्द्वानी के बनभूलपुरा में आता है. इस अतिक्रमण क्षेत्र में तीन सरकारी स्कूलों के साथ 11 प्राइवेट स्कूल, 10 मस्जिदें, 12 मदरसे, एक मंदिर और एक पीएचसी भी मौजूद है.
दोपहर को नमाज के बाद जुटने लगते हैं लोग
इस रिपोर्ट के मुताबिक, सैकड़ों की संख्या में लोग (खासतौर से महिलाएं) दोपहर की नमाज के बाद विरोध-प्रदर्शन के लिए इकट्ठा होते हैं. इनकी मांग है कि 8 जनवरी को होने वाली अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को रोका जाए. इनका दावा है कि ये लोग यहां कई दशकों से रह रहे हैं. बता दें कि ये पूरा इलाका हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से लगती हुई जमीन पर है.
कब आया अतिक्रमण हटाने का आदेश?
बीते साल के दिसंबर महीने में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बनभूलपुरा इलाके से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. 2016-17 में रेलवे और जिला प्रशासन के ज्वाइंट सर्वे में सामने आया था कि इस इलाके में 4365 अतिक्रमण किए गए हैं. इस इलाके में रह रहे लोगों को चिंता है कि उनके बच्चे कहां पढ़ेंगे और कहां रहेंगे?
क्या हैं तैयारियां?
नैनीताल के डीएम धीरज गरबियाल के अनुसार, 11 स्कूलों में 2333 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. इन स्कूलों को 200 मीटर से 1.5 किमी के इलाके में शिफ्ट करने का प्लान बनाया गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एसडीएम ने कहा है कि हमने पहले से ही जगह तय कर ली है और वहां पर कक्षाएं चलाई जाएंगी.
2013 में दर्ज हुआ था केस
रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार, 2013 में गौला नदी पर अवैध रेत खनन के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था. गौला नदी हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के साथ ही बहती है. इस मामले में जांच आगे बढ़ने पर बनभूलपुरा मामले में अतिक्रमण का केस दर्ज हुआ था. जांच में पता चला था कि इस इलाके में रहने वाले लोग अवैध रेत खनन में शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जाने को कहा था
उस दौरान भी हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का फैसला दिया था. जिसके खिलाफ वहां के निवासी सुप्रीम कोर्ट गए थे. तब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश देकर वहां के निवासियों का पक्ष सुनने को कहा था. बीते महीने सभी पक्षों की बातें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने जमीन खाली करने के आदेश दे दिए. रेलवे के एक अधिकारी ने इस मामले पर कहा कि हमें खेद है, लेकिन अतिक्रमण एक देशव्यापी समस्या है.
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