Haldwani Violence: देश के सबसे शांत राज्यों में से एक माने जाने वाला उत्तराखंड इन दिनों हिंसा की चपेट में फंसा हुआ है. राज्य के नैनीताल जिले के हल्द्वानी में हिंसा हुई है, जिसकी चपेट में आकर 160 लोग घायल हो गए हैं. घायलों में पुलिसकर्मी और नगरपालिका के अधिकारी भी शामिल हैं. हल्द्वानी में हिंसा की आग शहर के बनभूलपुरा क्षेत्र में फैली. उपद्रवियों ने न सिर्फ पथराव किया, बल्कि गाड़ियों को आग के हवाले भी कर दिया.
हल्द्वानी में हालात इतने ज्यादा गंभीर हो गए कि प्रशासन को मामले को शांत करने के लिए दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी करना पड़ा. वर्तमान में कानून-व्यवस्था बरकरार रखने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी के हालात को देखते हुए राजधानी देहरादून में हाई लेवल मीटिंग की. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर हल्द्वानी में ऐसा क्या हुआ कि देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए और हिंसा फैल गई.
हल्द्वानी में कैसे फैली हिंसा?
दरअसल, हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र के मलिक के बगीचे में 'अवैध' रूप से निर्मित एक मदरसा और नमाज स्थल मौजूद था. पीटीआई के मुताबिक, नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि इस स्थल के पास तीन एकड़ जमीन मौजूद थी, जिसे नगर निगम ने पहले ही कब्जे में कर लिया था. इसके बाद अवैध मदरसे और नमाज स्थल को सील कर दिया. उन्होंने बताया कि गुरुवार (8 फरवरी) को अवैध मदरसे और नमाज स्थल को जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया गया.
वहीं, जैसे ही अवैध मदरसे को ढहाया गया, वैसे ही हिंसा की शुरुआत हो गई. एसएसपी प्रह्लाद मीणी ने बताया कि मदरसा और मस्जिद अवैध रूप से अतिक्रमित सरकारी भूमि पर बनाए गए थे. इन दोनों ही जगहों को ढहाने से पहले अदालत के आदेश का पालन करते हुए भारी संख्या में पुलिस और पीएसी को तैनात किया गया. हालांकि, पुलिस और पीएससी की मौजूदगी के बाद भी हालात बेकाबू हो गए और पथराव की शुरुआत हो गई.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही दोनों इमारतों को ध्वस्त करने की शुरुआत हुई, वैसे ही बड़ी संख्या में महिलाओं सहित गुस्साए निवासी कार्रवाई का विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आए. उन्हें बैरिकेडिंग तोड़ते हुए और पुलिस कर्मियों से बहस करते हुए देखा गया. अधिकारियों ने बताया कि मदरसा-मस्जिद के ढहाये जाते ही भीड़ ने पथराव करना शुरू कर दिया. इसमें नगर निगम के कर्मचारी, पत्रकार और पुलिसकर्मी घायल हो गए.
गाड़ियों में लगाई गई आग
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने हालात को बिगड़ते हुए देख तुरंत हल्का बलप्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की. भीड़ को घटनास्थल से दूर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे गए. भले ही भीड़ पीछे हटी, लेकिन उसने इस दौरान गाड़ियों में आग लगा दी. पुलिस की गाड़ियों में भी आगजनी की गई. देर शाम तक तनाव और बढ़ गया और बनभूलपुरा पुलिस थाने में भी आग लगा दी गई. इसके बाद कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया गया.
दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश
वहीं, नैनीताल के जिलाधिकारी ने फोन पर मुख्यमंत्री धामी को बताया कि बनभूलपुरा में कर्फ्यू लगाया दिया गया है और स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए दंगाइयों को देखते हीं गोली मारने के आदेश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है और दंगाइयों पर कार्रवाई का भरोसा जताया है. हिंसा की वजह से हल्द्वानी में दुकानें और स्कूल पूरी तरह से बंद हैं.