Quality Of Life For Elderly Index: देश के कई राज्यों में बुजुर्गों की स्थिति अच्छी नहीं है. इस बात का पता प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर विवेक देबरॉय की तरफ से जारी "Quality of Life for Elderly Index" से पता चलता है. इसमें कहा गया है कि राज्यों ने आय सुरक्षा स्तंभ में उल्लेखनीय रूप से खराब प्रदर्शन किया है क्योंकि आधे से अधिक राज्यों की आय सुरक्षा राष्ट्रीय औसत 33.03 से नीचे है और "बुजुर्गों के लिए जीवन की गुणवत्ता सूचकांक" सभी स्तंभों में सबसे कम है.
राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम और चंडीगढ़ वृद्ध राज्यों, अपेक्षाकृत वृद्ध आयु वर्ग के राज्यों, उत्तर पूर्वी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणियों में रैंकिंग में सबसे आगे हैं. द इंस्टीट्यूट फॉर कंपीटिटिवनेश ने प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अनुरोध पर सूचकांक बनाया है, और यह एक ऐसे मुद्दों पर प्रकाश डालता है जिनका अक्सर बुजुर्गों की तरफ से सामना की जाने वाली समस्याओं पर उल्लेख नहीं किया जाता है.
यह रिपोर्ट भारतीय राज्यों में उम्र बढ़ने के क्षेत्रीय पैटर्न की पहचान करती है और भारत में उम्र बढ़ने की पूरी स्थिति का आकलन करती है. यह रिपोर्ट इस बात को गहराई पेश करती है कि भारत अपनी बढ़ती हुई आबादी की मदद के लिए कितना अच्छा कर रहा है.
इस सूचकांक ढांचे में चार स्तंभ शामिल किए हैं: वित्तीय कल्याण, सामाजिक कल्याण, स्वास्थ्य व्यवस्था और आय सुरक्षा. इसके साथ ही, आठ उप-स्तंभ: आर्थिक अधिकारिता, शैक्षिक प्राप्ति और रोजगार, सामाजिक स्थिति, शारीरिक सुरक्षा, बुनियादी स्वास्थ्य, मनोवैज्ञानिक भलाई, सामाजिक सुरक्षा और सक्षम पर्यावरण. यह सूचकांक भारत में बुजुर्ग आबादी की जरूरतों और अवसरों को समझने का व्यापक तरीका पेश करता है.
प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में, डॉक्टर बिबेक देबरॉय ने कहा, "भारत को अक्सर एक युवा समाज के रूप में चित्रित किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप जनसांख्यिकीय लाभांश होता है. लेकिन, हर देश की तरह जो जनसांख्यिकीय संक्रमण की तेज प्रक्रिया से गुजरता है, भारत में भी उम्र बढ़ने की समस्या है. EAC-PM ने इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस में डॉ. अमित कपूर और उनकी टीम से उन मुद्दों पर एक रिपोर्ट करने का अनुरोध किया, जिनका अक्सर उल्लेख नहीं किया जाता है- बुजुर्गों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याएं."
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