नई दिल्ली: मोदी सरकार अगले साल जनवरी से सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने पर विचार कर रही है. भारतीय मानक ब्यूरो संशोधन कानून के तहत सरकार ऐसा कर सकती है. ये फैसला उपभोक्ता मंत्रालय ने किया है.


मंत्रालय के फैसले के मुताबिक हॉलमार्किंग तीन श्रेणियों 8, 14 और 22 कैरेट के आभूषणों के लिए अनिवार्य बनाए जाने की योजना है. इतना ही नहीं, हॉलमार्किंग के साथ साथ आभूषणों पर निर्माता का नाम और अंतर्राष्ट्रीय मानक का नंबर लिखना भी ज़रूरी बनाए जाने की संभावना है.


उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान का कहना है कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के मानकों का इस्तेमाल कुछ ही आभूषणों में किया जाता है, लेकिन यह उपभोक्ताओं को आभूषणों की गुणवत्ता की पर्याप्त जानकारी नहीं देता.


हॉलमार्किंग फिलहाल अनिवार्य नहीं


फिलहाल भारत में सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग की व्यवस्था तो है लेकिन उसे अनिवार्य नहीं बनाया गया है. सोने के आभूषणों का कोई निर्माता भारतीय मानक ब्यूरो से अपने उत्पाद के लिए हॉलमार्किंग का अधिकार ले सकता है. दरअसल हॉलमार्किंग दुनिया भर में धातुओं से बने सामानों में उस धातु की मात्रा जानने का सबसे प्रामाणिक और सटीक तरीका माना जाता है.


भारत में सोने का बड़ा बाज़ार


भारत में सोने की खपत बड़े पैमाने पर होती है. 1982 में जहां देश में सालाना केवल 65 टन सोने की खपत थी, वहीं अब ये बढ़कर 800 टन से भी ज़्यादा हो गई है. इनमें से 80 फीसदी सोने की खपत घरेलू कामों में होती है.